हापुड़ में सबसे अधिक 30% तक वृद्धि, कृषि भूमि की कीमतों में आएगा उछाल
हापुड़: जनपद हापुड़ में आठ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद जमीनों के सर्किल रेट (Circle Rate) में बढ़ोतरी की गई है। जिलाधिकारी की अंतिम स्वीकृति के बाद अब 1 अगस्त 2025 से नई सर्किल दरें लागू होंगी। इससे न केवल जमीन की रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी, बल्कि जमीन की बाजार कीमतों में भी इजाफा होने की संभावना है।
📍 धौलाना में सबसे अधिक 30% की वृद्धि
इस बार सबसे अधिक वृद्धि धौलाना तहसील क्षेत्र में दर्ज की गई है, जहां सर्किल रेट में 30 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, नई दरें लागू होने से उप निबंधक कार्यालय का राजस्व 20% तक बढ़ सकता है।
🗓️ सर्किल रेट वृद्धि की टाइमलाइन
- मई 2025: सर्किल रेट संशोधन प्रक्रिया शुरू हुई
- 4 जून 2025: नई दरों पर आपत्तियां आमंत्रित की गईं
- जुलाई 2025: आपत्तियों का निस्तारण
- 1 अगस्त 2025: नई दरों की लागू तिथि तय
पूर्व में यह दरें 21 जुलाई से लागू की जानी थीं, लेकिन तकनीकी कारणों से अब 1 अगस्त से प्रभावी होंगी।
🌾 कृषि भूमि पर पड़ेगा सबसे अधिक असर
सर्किल रेट में बढ़ोतरी का सबसे प्रत्यक्ष असर कृषि भूमि पर देखने को मिलेगा। इस समय जिले में कृषि भूमि की मांग अधिक है, ऐसे में इस फैसले से खरीदारों को अधिक राशि खर्च करनी होगी।
🗣️ अधिकारी का बयान
“गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में 5 से 10 प्रतिशत तक ही वृद्धि की गई है, जबकि बुलंदशहर और अमरोहा की तुलना में गढ़ क्षेत्र की दरें पहले ही अधिक थीं।”
— सुनील सिंह, एआईजी स्टांप
💡 सर्किल रेट क्या होता है?
सर्किल रेट वह न्यूनतम दर होती है जिस पर सरकार के पास जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री होती है। इससे स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का निर्धारण होता है। जब सर्किल रेट बढ़ते हैं, तो जमीन के कानूनी ट्रांजैक्शन महंगे हो जाते हैं, भले ही बाजार मूल्य स्थिर हो।
🔔 क्या उम्मीद की जाए?
- रियल एस्टेट निवेश में तेजी
- कृषि भूमि पर बोली प्रतिस्पर्धा में इजाफा
- राजस्व वृद्धि, लेकिन साथ ही
- खरीदारों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा