हापुड़ शहर में सूखे कूड़े के वैज्ञानिक निस्तारण को लेकर अब गंभीर कदम उठाए गए हैं। नगर पालिका ने तीनों एमआरएफ (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटरों के संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे शहर में प्रतिदिन निकलने वाले करीब 15 टन सूखे कचरे का निस्तारण सुनियोजित ढंग से हो सकेगा।
📊 क्या कहते हैं आंकड़े?
- हर दिन निकलने वाला कचरा: 106 टन
- सूखा कचरा: लगभग 50 टन
- निस्तारण की मौजूदा व्यवस्था: नहीं के बराबर
🏗️ संचालित होंगे ये सेंटर:
- सिकंदर गेट सेंटर
- रामपुर रोड सेंटर
- एक अन्य केंद्र की भी योजना
(चौथा एमआरएफ सेंटर प्रस्तावित है)
हालांकि सिकंदर गेट और रामपुर रोड पर सेंटर पहले से बने हुए हैं, लेकिन इनका संचालन अभी तक शुरू नहीं हो सका था। अब नगर पालिका इन्हें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के राष्ट्रीय मानकों पर संचालित करेगी।
🗣️ अधिशासी अधिकारी का बयान:
“नगर पालिका के तीन एमआरएफ सेंटर तैयार हैं। एक और सेंटर प्रस्तावित है। अब इनका संचालन सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मानकों के अनुसार किया जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।“
— संजय कुमार मिश्रा, अधिशासी अधिकारी, हापुड़
✅ इस पहल से होंगी ये प्रमुख लाभ:
- शहर में सूखा कूड़ा खुले में फेंकने की समस्या कम होगी
- पुनर्चक्रण योग्य कचरे का सही ढंग से उपयोग
- पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी
- शहरी स्वच्छता रैंकिंग में सुधार की संभावना