गढ़मुक्तेश्वर। सावन मास की शुरुआत के साथ ही गंगानगरी ब्रजघाट में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। शुक्रवार से ही श्रद्धालु भगवान आशुतोष के जलाभिषेक के लिए गंगा जल भरने आ रहे हैं। हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारों से तीर्थनगरी का वातावरण भक्ति में रंगा नजर आ रहा है।
ब्रजघाट में शिवभक्तों का भारी आवागमन शुरू
सावन के पहले सोमवार को जलाभिषेक की परंपरा निभाने के लिए अमरोहा, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, बरेली, संभल सहित विभिन्न जनपदों से शिवभक्तों का ब्रजघाट आगमन शुक्रवार से प्रारंभ हो गया। श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद विधिवत पूजन कर कांवड़ उठा रहे हैं और अपने-अपने गंतव्यों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं।
हरिद्वार और गोमुख की ओर भी बढ़ रही कांवड़ यात्रा
उधर, क्षेत्र के शिवभक्त भी हरिद्वार और गोमुख की ओर कांवड़ लेने के लिए प्रस्थान कर रहे हैं। शहर की सड़कों पर भगवा वस्त्रधारी श्रद्धालु जयकारों के साथ निकलते हुए देखे जा रहे हैं। पूरा वातावरण गौरवशाली आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया है।
बाजारों में रंग-बिरंगी कांवड़ों की रौनक
ब्रजघाट और आसपास के बाजारों में रंग-बिरंगी कांवड़ों की दुकानों ने रौनक बढ़ा दी है। शिवभक्त यहां से कांवड़ खरीदकर उन्हें आकर्षक ढंग से सजाते हैं, फिर गंगाजल भरकर अपनी यात्रा पर निकलते हैं। दुकानें केसरी वस्त्र, पूजन सामग्री और कांवड़ सजावट के सामान से सजी हुई हैं।
धार्मिक परंपरा का प्रतीक है सोमवार का जलाभिषेक
हालांकि अधिकतर क्षेत्रों में कांवड़ यात्रा शिवरात्रि पर जलाभिषेक के साथ संपन्न होती है, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सावन के हर सोमवार को भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने की विशेष परंपरा है। इसी को निभाने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा तट पर एकत्र हो रहे हैं।