हापुड़। सावन मास की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार भी भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए लाखों शिवभक्त कलश में गंगाजल लेकर मंदिरों में पहुंचेंगे। खास बात यह है कि इस बार हापुड़ के कसेरठ बाजार में बनने वाले कलशों की भारी मांग है। यही नहीं, इन कलशों की आपूर्ति आसपास के जिलों में भी की जा रही है।
11 जुलाई से सावन, 14 जुलाई से शुरू होगी कांवड़ यात्रा
11 जुलाई से सावन मास शुरू हो रहा है और 14 जुलाई को पहले सोमवार के साथ ही कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो जाएगी। बाजारों में अभी से शिवभक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। गोल मार्केट, कोठी गेट, रेलवे रोड और चंडी रोड जैसे प्रमुख बाजारों में केसरी टी-शर्ट, हाफ पैंट, बैग और पूजन सामग्री की खूब खरीदारी हो रही है।
कसेरठ बाजार में कलशों की धूम
हापुड़ का कसेरठ बाजार कांवड़ियों के लिए तैयार किए गए कलशों का प्रमुख केंद्र बन गया है। यहां से न केवल स्थानीय लोग, बल्कि बरेली, मुरादाबाद, चंदौसी, रामपुर, खुर्जा, अलीगढ़ और बुलंदशहर जैसे जिलों से भी शिवभक्त बड़ी संख्या में कलश खरीदने पहुंच रहे हैं।
द कसेरा एसोसिएशन के वरिष्ठ मंत्री योगेंद्र अग्रवाल ने बताया कि,
“इस बार विशेष डिज़ाइन और साइज के कलश तैयार किए गए हैं, जिनकी डिमांड बहुत ज्यादा है। कई जिलों में भी इनकी सप्लाई की जा चुकी है।”
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2 से 40 किलो तक के कलश उपलब्ध
दुकानदार नमन जैन ने बताया कि बाजार में दो किलो से लेकर 40 किलो तक के कलश उपलब्ध हैं। 3, 5, 10, 12, 15 और 20 किलोग्राम के कलश सबसे ज्यादा बिक रहे हैं। इसके साथ ही कलश रखने के स्टैंड और कांवड़ सजाने के लिए लाठी की भी भारी बिक्री हो रही है।
निष्कर्ष
कांवड़ यात्रा को लेकर हापुड़ के बाजारों में धार्मिक उत्साह चरम पर है। कलशों की मांग और आपूर्ति यह दर्शाती है कि हापुड़ न केवल एक धार्मिक केंद्र बनकर उभर रहा है, बल्कि यहां की कारीगरी और व्यापार भी क्षेत्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है।