ब्रजघाट। गढ़-ब्रजघाट क्षेत्र में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बीते 24 घंटों में जलस्तर में 5 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे बाढ़ का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है। शुक्रवार की देर शाम तक गंगा का जलस्तर 198.43 मीटर (समुद्र तल से) दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 199.33 मीटर से केवल 90 सेंटीमीटर नीचे है।
तेज बारिश और बिजनौर बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते गंगा उफान पर है। इससे खादर क्षेत्र के गांवों में दहशत का माहौल है और कांवड़ यात्रा पर भी इसका असर दिखने लगा है। सावन के पहले सोमवार को गंगाजल भरने आ रहे शिवभक्तों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ गई है।
किन गांवों में मंडरा रहा है बाढ़ का खतरा?
जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण कुंदैनी की मंढ्या, रामपुर न्यामत्पुर, शेरा कृष्णा वाली महैया, रेतों वाली मंकैया, इनायतपुर, लठीरा, नयाबांस, आरकपुर, गडावली, अब्दुल्लापुर सहित करीब 20 गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो गंगा का पानी जल्द ही जंगलों और आबादी वाले क्षेत्रों तक पहुंच सकता है। वर्तमान में जलस्तर चेतावनी के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर चल रहा है।
शिवभक्तों की सुरक्षा भी चिंता का विषय
गंगाजल लेने आ रहे शिवभक्तों के लिए भी स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। जलस्तर बढ़ने से गंगा के तेज बहाव में डूबने की घटनाएं भी हो सकती हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी स्थिति में निर्धारित घाटों से ही जल भरें।
प्रशासन अलर्ट मोड में
एसडीएम अंकित कुमार वर्मा ने बताया कि अभी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन एहतियात के तौर पर बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है। सभी संबंधित विभागों को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि समय पर राहत और बचाव कार्य शुरू किए जा सकें।