हापुड़। पूरक पोषण आहार वितरण में तकनीकी दिक्कतों को लेकर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने पोषण ट्रैकर ऐप में लाभार्थियों का फोटो कैप्चर न होने की समस्या को लेकर नाराज़गी जताई और विभाग से तकनीकी खामी दूर करने की मांग की।
कार्यकर्ताओं ने बताया कि महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार विभाग के निर्देशों के तहत पिछले माह सभी लाभार्थियों की ई-केवाईसी पूरी कर दी गई है। इसके बावजूद, जब पोषण आहार वितरित करने का समय आता है, तो पोषण ट्रैकर में लाभार्थी का फोटो तकनीकी कारणों से कैप्चर नहीं हो रहा, जिससे वितरण प्रक्रिया में बाधा आ रही है।
तकनीकी खराबी के साथ पीएलआई जमा कराने की भी मांग
धरना दे रही कार्यकर्ताओं ने विभाग से मांग की कि—
- पोषण ट्रैकर की तकनीकी खराबी को जल्द से जल्द ठीक कराया जाए।
- सितंबर 2024 से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पीएलआई (Postal Life Insurance) की राशि जमा कराई जाए, जो अब तक लंबित है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पोषण आहार जैसी आवश्यक योजना में तकनीकी बाधा से न केवल वितरण प्रभावित होता है, बल्कि ग्राउंड लेवल पर कार्य करने वालों की छवि भी खराब होती है।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया का इंतजार
धरने की सूचना मिलते ही संबंधित विभागीय अधिकारियों ने ज्ञापन लेने की बात कही, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई समाधान नहीं निकला था। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो वे जिला स्तर से लेकर लखनऊ तक आंदोलन को बाध्य होंगी।
निष्कर्ष:
पोषण योजनाओं के डिजिटलीकरण से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है, लेकिन तकनीकी समस्याएं और फील्ड स्तर पर सहयोग की कमी इन योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा बन रही हैं। ज़मीनी कर्मचारियों की बात सुने बिना सिस्टम सुधार संभव नहीं है।