चिकित्सा अवकाश स्वीकृति में देरी पर भी मांगा गया स्पष्टीकरण
हापुड़। बेसिक शिक्षा विभाग में अनुशासनहीनता का मामला सामने आया है, जहां खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) रचना सिंह द्वारा बीएसए की अनुमति के बिना मुख्यालय छोड़ने और एक शिक्षक के चिकित्सा अवकाश की स्वीकृति में अनावश्यक देरी किए जाने को लेकर नोटिस जारी किया गया है।
इस मामले में अपर शिक्षा निदेशक बेसिक कामता राम पाल ने तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है।
शिक्षक का अवकाश 12 दिन बाद स्वीकृत
मामला उच्च प्राथमिक विद्यालय जट्ट में तैनात सहायक अध्यापक दीपक अग्रवाल से जुड़ा है। उन्होंने 11 फरवरी 2025 को मानव संपदा पोर्टल पर चिकित्सा अवकाश बढ़ाने का आवेदन किया था। शासनादेश के अनुसार यह स्वीकृति 3 से 7 दिन के भीतर देनी होती है, लेकिन बीईओ रचना सिंह ने इसे 12 दिन बाद स्वीकृत किया।
बिना अनुमति मुख्यालय छोड़कर पहुंचीं मुरादाबाद
इसके अतिरिक्त, 13 और 14 मार्च को सरकारी हाली अवकाश के दौरान बीईओ रचना सिंह अपने परिवार के पास मुरादाबाद गई थीं, लेकिन उन्होंने बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) से मुख्यालय छोड़ने की आवश्यक अनुमति नहीं ली।
अपर शिक्षा निदेशक की ओर से जारी पत्र में इस बात की पुष्टि की गई है।
बीईओ का पक्ष: पोर्टल में तकनीकी दिक्कत रही
बीईओ रचना सिंह ने अपने पक्ष में कहा कि उन्होंने 12 मार्च की शाम को ही मुख्यालय छोड़ने के लिए अवकाश का आवेदन मानव संपदा पोर्टल पर कर दिया था। साथ ही, मोबाइल पर पोर्टल ठीक से नहीं खुलने के कारण अवकाश स्वीकृति में देरी हुई।
उन्होंने बताया कि संबंधित अवकाश आवेदन को देखते हुए प्रक्रिया में कोई जानबूझकर विलंब नहीं किया गया।
निष्कर्ष:
शिक्षा विभाग में अनुशासन और प्रक्रियात्मक पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है। अब देखना होगा कि खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा दिया गया जवाब अपर शिक्षा निदेशक को संतोषजनक लगता है या कार्रवाई की अगली कड़ी सामने आती है।