कांवड़ मार्गों की खराब हालत पर लखनऊ से पहुंची टीम ने भी जताई नाराजगी
हापुड़। आगामी कांवड़ यात्रा से पहले कांवड़ मार्गों की बदहाल स्थिति पर प्रशासन अब सख्त हो गया है। जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग (PWD) और गंगा एक्सप्रेसवे की कार्यदायी संस्था के साथ निरीक्षण किया और मरम्मत कार्यों में बरती गई लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई।
गौरतलब है कि ‘अमर उजाला’ ने पहले ही इस मुद्दे को उजागर करते हुए “रोड़ी डालकर छोड़ दी” शीर्षक से रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें मरम्मत कार्यों की खानापूर्ति और स्थानीय सड़कों की बदहाली को दिखाया गया था।
गंगा एक्सप्रेसवे के भारी वाहनों से टूटी सड़कें
गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए खेतों से मिट्टी भरकर ले जाने वाले ओवरलोड डंपर कुल 14 मार्गों से होकर गुजर रहे हैं, जिससे सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इनकी मरम्मत के निर्देश पहले ही डीएम द्वारा कार्यदायी संस्था को दिए गए थे, लेकिन सिर्फ रोड़ी और मिट्टी डालकर कार्य अधूरा छोड़ दिया गया, जिससे हालात जस के तस हैं।
लखनऊ से पहुंची टीम ने भी जताई नाराजगी
डीएम के साथ लखनऊ से आई लोक निर्माण विभाग की उच्च स्तरीय टीम ने भी कांवड़ मार्गों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अठसैनी से बछलौता मार्ग की हालत सबसे खराब पाई गई। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी और लखनऊ टीम ने सड़कों की गुणवत्तापूर्ण मरम्मत के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिए हैं।
अब होगी जवाबदेही तय
प्रशासन अब मरम्मत कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता को लेकर सख्त रुख अपनाने जा रहा है। आने वाले दिनों में कांवड़ यात्रा के मद्देनज़र इन मार्गों की स्थिति सुधारी नहीं गई तो कार्यदायी संस्था पर कार्रवाई भी हो सकती है।
निष्कर्ष:
श्रावण मास और कांवड़ यात्रा की तैयारियों के बीच सड़क मरम्मत में हो रही लापरवाही ना सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए खतरा बन सकती है, बल्कि प्रशासन की छवि पर भी सवाल खड़ा करती है। अब देखना होगा कि सिर्फ निर्देशों तक सीमित कार्रवाई होती है या ज़मीनी स्तर पर भी सुधार नजर आता है।