90 से अधिक स्कूलों पर नहीं लटकेगा ताला, सर्वे जारी, डीएम की अध्यक्षता में जल्द होगी बैठक
हापुड़। जिले में कम छात्र संख्या वाले परिषदीय स्कूलों को बंद नहीं किया जाएगा, बल्कि उनमें बाल वाटिकाएं खोली जाएंगी। बेसिक शिक्षा विभाग इन स्कूलों में तीन से छह साल तक के बच्चों के लिए शिक्षण की व्यवस्था करेगा। इन बाल वाटिकाओं में बच्चों को अक्षर, भाषा और प्रारंभिक शिक्षा खेल-खेल में दी जाएगी।
विभाग इसके लिए 60 ईसीसी (एजुकेटर काउंसलर) की नियुक्ति करेगा। यह पहल आंगनबाड़ी केंद्रों के सहयोग से की जाएगी।
जिले में कुल 498 परिषदीय स्कूल हैं, जिनमें से 90 से अधिक स्कूलों में छात्रों की संख्या 50 से कम है। 30 से अधिक स्कूलों में 20 से भी कम छात्र हैं, वहीं कुछ स्कूलों में छात्र संख्या 10 से भी कम रह गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों से छात्रों का समायोजन नजदीकी स्कूलों में करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सर्वे का कार्य जारी है, जिसमें अभिभावकों की सहमति भी ली जा रही है। हालांकि, कई ग्राम प्रधान, शिक्षक संगठन और अभिभावक इस फैसले का विरोध भी कर रहे हैं।
इस बीच, यह आशंका जताई जा रही थी कि बच्चों का समायोजन होने के बाद ऐसे स्कूलों पर ताला लग सकता है, लेकिन अब विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इन स्कूलों का उपयोग बाल वाटिका के रूप में किया जाएगा।
बाल वाटिका में क्या होगा खास:
- तीन से छह वर्ष के बच्चों को मिलेगा प्रारंभिक ज्ञान
- पढ़ाई होगी खेल-खेल में
- ईसीसी द्वारा बच्चों को अक्षर, भाषा और रंगों की पहचान सिखाई जाएगी
- आंगनबाड़ी और शिक्षा विभाग मिलकर करेंगे संचालन
- छोटे बच्चों के अनुसार स्कूलों में संसाधन विकसित किए जाएंगे
1 जुलाई से स्कूल खुलने वाले हैं, ऐसे में शिक्षकों को अधिक से अधिक नामांकन बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि मानक से कम छात्र संख्या वाले स्कूल भी बच सकें। विशेषकर वे स्कूल, जहां छात्र कम लेकिन शिक्षक दो या उससे अधिक हैं, उन्हें प्राथमिकता में रखा गया है।
बीएसए रितु तोमर ने बताया कि “कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें शिक्षा के नए केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह पहल उपयोगी साबित होगी।”