पिलखुवा। जहां आज विवाह केंद्र और मैरिज ब्यूरो रिश्ते जोड़ने के नाम पर पंजीकरण शुल्क और कमीशन वसूलने में लगे हैं, वहीं पिलखुवा के समाजसेवी जीडी रुहेला ने निस्वार्थ सेवा की ऐसी मिसाल पेश की है, जो डिजिटल युग में सामाजिक समर्पण का उदाहरण बन चुकी है।
गौरतलब है कि जीडी रुहेला ने “क्षेत्रीय विवाह मंच” नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य रुहेला समाज के युवक-युवतियों के बीच रिश्ते जोड़ना है। इस मंच के माध्यम से अब तक कई सफल विवाह संपन्न हो चुके हैं — बिना किसी पंजीकरण शुल्क, बिना किसी दलाली या कमीशन के।
डिजिटल युग में भरोसे की डोर
यह ग्रुप समाज के उन परिवारों के लिए एक सशक्त मंच बनकर उभरा है, जो पारंपरिक तरीकों के बजाय अब डिजिटल माध्यम से भी भरोसेमंद रिश्ते तलाश रहे हैं। हाल ही में पत्रकार गजेंद्र सिंह की सुपुत्री छाया का विवाह भी इसी मंच के सहयोग से तय हुआ और सादगीपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
निस्वार्थ भावना ही सबसे बड़ा धर्म
गौर करने वाली बात यह है कि जीडी रुहेला इस सेवा के बदले न कोई शुल्क लेते हैं, न ही विवाह तय होने के बाद किसी प्रकार का कमीशन। उनका कहना है, “यदि मेरे प्रयास से किसी बेटी की डोली उठती है, तो इससे बड़ा कोई पुण्य नहीं हो सकता।”
समाज का बढ़ता विश्वास
आज यह व्हाट्सएप ग्रुप न केवल पिलखुवा बल्कि आसपास के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भी लोकप्रिय हो चुका है। सैकड़ों परिवार इस मंच से जुड़ चुके हैं और हर दिन नए रिश्तों की डोर इसी ग्रुप से बंध रही है।
निष्कर्ष
गांव-शहर की सीमाएं पार करता यह डिजिटल मंच आज एक ऐसा उदाहरण बन चुका है, जहां तकनीक का उपयोग सिर्फ सुविधा के लिए नहीं, बल्कि समाज की भलाई के लिए किया जा रहा है। जीडी रुहेला की यह पहल रिश्तों में विश्वास और सेवा में समर्पण का नया अध्याय लिख रही है।