हापुड़। स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की पोल रविवार रात खुल गई, जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील त्यागी ने पिलखुवा और धौलाना सीएचसी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में सामने आया कि रात आठ बजे के बाद सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी वार्ड बंद कर दिए जाते हैं और स्टाफ एसी कमरों में आराम फरमाता है, जबकि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक घर पर मिलते हैं।
धौलाना सीएचसी: आपात वार्ड बंद, स्टाफ एसी में आराम करता मिला
रविवार रात करीब 10 बजे सीएमओ जब धौलाना सीएचसी पहुंचे तो आपात वार्ड पूरी तरह बंद मिला। फार्मासिस्ट सूरसैन मौके से नदारद थे और अस्पताल का पूरा स्टाफ एक वातानुकूलित कमरे में सोता मिला। यहां तक कि एंबुलेंस स्टाफ भी वहीं मौजूद था। इस लापरवाही पर सभी से जवाब-तलब किया गया है।
पिलखुवा सीएचसी: चिकित्सक ड्यूटी पर होकर भी घर पर
इसके बाद सीएमओ पिलखुवा सीएचसी पहुंचे, जहां डॉ. प्रमोद की ड्यूटी लगी थी, लेकिन वह अस्पताल में मौजूद नहीं थे। जानकारी करने पर पता चला कि वे अपने घर पर थे और कॉल करने पर ही अस्पताल आते हैं। सीएमओ ने उन्हें भी नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
दूसरे जिलों से आते हैं डॉक्टर, स्थानीय न होने से होती है परेशानी
जिले के सरकारी अस्पतालों में तैनात अधिकतर चिकित्सक दूसरे जिलों में रहते हैं। इसी कारण न तो वे समय पर ओपीडी में पहुंच पाते हैं, और न ही आपातकालीन ड्यूटी के दौरान उपस्थित रहते हैं। कई बार स्थानीय निवास का शपथ पत्र भी लिया जाता है, लेकिन उस पर अमल नहीं होता।
खाली सिलेंडर लेकर दौड़ती एंबुलेंस, पांच गाड़ियां पकड़ी जा चुकीं
सीएमओ के अनुसार, हाल ही में बाबूगढ़ में पकड़ी गई एक एंबुलेंस में खाली ऑक्सीजन सिलिंडर मिला। इसके अलावा पांच एंबुलेंस ऐसी पकड़ी गईं, जो मरीजों के बिना ही इधर-उधर दौड़ती मिलीं। यह गंभीर लापरवाही तब सामने आई है जब हाल ही में दो नवजातों की मौत का मामला भी एंबुलेंस की देरी से जुड़ा बताया गया था।
सीएमओ का बयान
“धौलाना और पिलखुवा सीएचसी के निरीक्षण में कई खामियां मिली हैं। धौलाना में फार्मासिस्ट अनुपस्थित था, स्टाफ आपात वार्ड छोड़कर एक कमरे में मिला। पिलखुवा में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक अस्पताल में मौजूद नहीं थे। इन सभी से जवाब मांगा गया है।”
— डॉ. सुनील त्यागी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
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