हापुड़। जिले में रविवार को आयोजित जन आरोग्य मेलों में 1800 से अधिक मरीजों ने ओपीडी में पहुंचकर उपचार कराया। गर्मी और उमस के चलते मेलों में बुखार, पेट दर्द और डिहाइड्रेशन से पीड़ित मरीजों की संख्या सबसे अधिक रही। चिकित्सकों ने मरीजों को दवाएं देने के साथ ही परहेज और बचाव के उपाय भी बताए।
बच्चों में डिहाइड्रेशन के लक्षण चिंताजनक
चिकित्सकों के अनुसार, बीते एक सप्ताह से बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या लगातार बनी हुई है। हाथ-पैर में दर्द, उल्टी, दस्त और पानी की कमी जैसे लक्षण अधिक देखने को मिल रहे हैं। डॉक्टर्स ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे बच्चों को खाली पेट बाहर न भेजें, उन्हें पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ दें और सीधी धूप से बचाएं।
स्वास्थ्य सलाह: गर्मी में ऐसे करें बचाव
- खुले और गंदगी में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें
- घर से नाश्ता व भोजन कर बाहर निकलें
- दोपहर 12 से 4 बजे तक अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें
- सिर ढककर, चश्मा पहनकर निकलें
- भोजन में दाल, हरी सब्जी, दही, रोटी शामिल करें
- नींबू पानी, शिकंजी, छाछ, लस्सी, नारियल पानी जैसे तरल पदार्थों का सेवन करें
चिकित्सकों की कमी बनी चुनौती
स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों की कमी अभी भी बनी हुई है। सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पतालों में पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं, जिससे बड़ी संख्या में मरीजों को समुचित इलाज मिलने में परेशानी हो रही है।
प्रशासन की प्राथमिकता: बेहतर चिकित्सा सुविधा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील त्यागी ने बताया:
“जन आरोग्य मेलों में आने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। इन दिनों बुखार और पेट संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। सभी स्टाफ को निर्देशित कर दिया गया है कि मरीजों को समय पर और सही इलाज दिया जाए।”
विशेष: जन आरोग्य मेला न केवल लोगों को इलाज उपलब्ध कराने का माध्यम है, बल्कि यह स्वास्थ्य जागरूकता और बीमारी से बचाव के लिए भी एक सशक्त मंच बनकर उभरा है।