पिलखुवा। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी पहल की है। रविवार को अलीगढ़ में हापुड़ जिले के सरकारी व निजी चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें इन बीमारियों के नए उपचार प्रोटोकॉल, सटीक पहचान, और समयबद्ध इलाज पर ज़ोर दिया गया।
सरकारी और निजी डॉक्टरों की संयुक्त भूमिका ज़रूरी
कार्यक्रम में अलीगढ़ के जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कहा,
“इन बीमारियों से लड़ाई सिर्फ सरकारी प्रयासों से नहीं लड़ी जा सकती। निजी चिकित्सकों को भी आगे आकर जिम्मेदारी निभानी होगी। समय से इलाज और लक्षणों की सही पहचान से कई जानें बचाई जा सकती हैं।”
हापुड़ के सभी अस्पतालों में अब एक जैसा इलाज
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील त्यागी ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद हापुड़ जिले के सभी अस्पतालों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों को एकसमान और प्रभावी उपचार मिलेगा। यह प्रयास रोगियों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाएगा।
बुखार के हर मरीज की मलेरिया जांच अनिवार्य
वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. दिनेश खत्री ने कहा कि
“बुखार के हर मरीज की मलेरिया जांच आवश्यक है। जांच में संक्रमित पाए जाने पर तत्काल इलाज शुरू करें और संबंधित जानकारी यूडीएसपी पोर्टल पर दर्ज करें।”
इस विशेष प्रशिक्षण का उद्देश्य चिकित्सा जगत को एकजुट करना है ताकि वेक्टर जनित बीमारियों से लड़ाई में कोई भी कड़ी कमजोर न पड़े।
विशेष: इस प्रशिक्षण से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में हर मरीज को समय पर सटीक इलाज मिल सके और मौसमी बीमारियों से मृत्यु दर को प्रभावी रूप से घटाया जा सके।