हापुड़। जिले के गढ़मुक्तेश्वर विकासखंड की ग्राम पंचायत फत्तापुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ग्राम विकास अधिकारी ने जीवित वृद्ध राजेंद्र सिंह को कागजों में मृत घोषित कर दिया, जिससे उनकी वृद्धावस्था पेंशन रुक गई। मामले के उजागर होने के बाद जिला प्रशासन ने संबंधित अधिकारी को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी है।
राजेंद्र सिंह, ग्राम फत्तापुर निवासी बुजुर्ग, समाज कल्याण विभाग से वृद्धा पेंशन प्राप्त कर रहे थे। लेकिन वर्ष 2024 के पेंशन सत्यापन के दौरान तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी योगेंद्र सिंह ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हैरानी की बात यह रही कि इसके बावजूद फरवरी 2025 तक राजेंद्र सिंह के बैंक खाते में पेंशन की राशि आती रही।
सीडीओ के निर्देश पर दोबारा हुआ सत्यापन
नए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु गौतम की तैनाती के बाद जिले में सभी पेंशन लाभार्थियों का दोबारा सत्यापन कराया गया, जिसमें राजेंद्र सिंह के जीवित होने की पुष्टि हुई। जांच में यह भी सामने आया कि उन्हें “मृतक” घोषित करने की तिथि के बाद भी तीन माह तक पेंशन की राशि खाते में भेजी गई।
जब पेंशन रुक गई, तब राजेंद्र सिंह ने जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय से दस्तावेजों सहित शिकायत की। डीएम के निर्देश पर जिला समाज कल्याण अधिकारी शिवकुमार को जांच सौंपी गई।
गलत जानकारी और झूठे दस्तावेज
जांच के दौरान पाया गया कि ग्राम विकास अधिकारी ने न केवल लाभार्थी को मृत दिखाया, बल्कि समाज कल्याण विभाग को गलत जानकारी और झूठे दस्तावेज भी सौंपे। अधिकारियों द्वारा पूछताछ के दौरान भी तथ्यों को छुपाया गया।
इस लापरवाही और अनुशासनहीनता को गंभीर मानते हुए डीएम ने ग्राम विकास अधिकारी योगेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्हें फिलहाल खंड विकास कार्यालय हापुड़ से संबद्ध किया गया है, और निलंबन अवधि में उन्हें अर्द्ध वेतन पर जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
डीएम का निर्देश: वृद्ध को मिले पेंशन
जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने कहा:
“जिंदा वृद्ध को मृत दर्शाने के मामले में ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। बुजुर्ग लाभार्थी को दोबारा वृद्धा पेंशन देने के आदेश दिए गए हैं।”
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