हापुड़ – जन आरोग्य मेले की तैयारियों के बावजूद रविवार को जिले की अधिकांश शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में मरीजों की संख्या बेहद कम रही। मजीदपुरा, भीमनगर और मोती कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में स्थित पीएचसी में ओपीडी मुश्किल से 20 मरीजों तक ही सीमित रही।
ईद के बाद दिखा असर
मजीदपुरा और मोती कॉलोनी जैसे इलाकों में मुस्लिम आबादी अधिक होने के चलते ईद के बाद स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की आमद कम देखी गई। इन इलाकों में पहुंचे मरीजों में अधिकतर को डायरिया और पेट संक्रमण की शिकायत थी।
डॉक्टरों की कमी बनी चुनौती
मोती कॉलोनी पीएचसी में लगातार तीसरे रविवार को भी चिकित्सक उपस्थित नहीं थे। ऐसे में स्टाफ नर्स ने ही ओपीडी संभाली। भीमनगर पीएचसी में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही, जहां डॉक्टर खाली बैठे नजर आए और ओपीडी में सन्नाटा पसरा रहा।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में गढ़ और हापुड़ की तीन पीएचसी में तैनात डॉक्टरों ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया था, जिससे जिले में चिकित्सकों की कमी और अधिक गहराई है।
स्वास्थ्य विभाग का दावा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. सुनील त्यागी ने बताया,
“जन आरोग्य मेले में आने वाले सभी मरीजों को बेहतर उपचार दिलाया जा रहा है। जिन केंद्रों पर चिकित्सक नहीं हैं, वहां वैकल्पिक व्यवस्था कराई जा रही है।”
जन आरोग्य मेला हर रविवार को जिले की 15 से अधिक पीएचसी पर आयोजित किया जाता है, लेकिन संसाधनों की कमी और विशेष अवसरों के चलते इनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठने लगे हैं।