हापुड़। सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल दो मरीजों के दिमाग में खून के धब्बे जम जाने के बावजूद, हापुड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में सफलतापूर्वक उनका उपचार किया गया। निजी अस्पतालों में महंगे इलाज के चलते परिजनों ने उन्हें सीएचसी में भर्ती कराया था, जहां डॉक्टरों ने समर्पण और कुशलता से उनका इलाज किया।
सीएचसी के फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने जानकारी दी कि बुलंदशहर के गांव बिहटा निवासी राहुल और बीबीनगर निवासी सुरेश अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। प्रारंभिक उपचार निजी अस्पतालों में हुआ, लेकिन उपचार के बढ़ते खर्चों के कारण उन्हें सीएचसी लाया गया।
डॉ. अली के अनुसार, सीटी स्कैन में खुलासा हुआ कि राहुल के सिर में खून जमा हुआ था, जबकि सुरेश के मस्तिष्क में खून के धब्बे थे। प्रारंभिक जांच में ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प नजर आ रहा था, लेकिन सीएचसी में यह सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण परिजनों के अनुरोध पर दवाओं के माध्यम से इलाज किया गया।
लगातार सात दिनों तक चिकित्सकीय निगरानी और उपचार के बाद दोनों मरीज अब पूरी तरह खतरे से बाहर हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी ने कहा, “सड़क दुर्घटनाओं और गंभीर रोगियों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। जिले में ट्रामा सेंटर चालू हो चुका है और जिला अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट भी विकसित की जा रही है।”