हापुड़। देवर्षि नारद जयंती और हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को हापुड़ के मेरठ रोड स्थित सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में विश्व संवाद केंद्र द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय “युद्धकाल में पत्रकारिता” रहा, जिस पर वक्ताओं ने विचार साझा किए।
गोष्ठी में जिले के पत्रकारों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर सक्रिय अनेक लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन उत्तम सिंह ने किया।
नारद मुनि थे युद्ध नीति और संवाद कला के अद्वितीय ज्ञाता : दिव्य कुमार सोती
गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में स्तंभ लेखक और राष्ट्रीय सुरक्षा व सामरिक विषयों के विशेषज्ञ दिव्य कुमार सोती ने कहा कि “महर्षि नारद केवल संवाददाता ही नहीं, बल्कि युद्ध नीति और रणनीति के भी बड़े ज्ञाता थे।”
उन्होंने कहा कि आज का युद्ध केवल हथियारों से नहीं, बल्कि सूचनाओं और उनके प्रबंधन से भी लड़ा जाता है। ऐसे में पत्रकारों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। आने वाले समय में सूचना की विश्वसनीयता और दिशा युद्ध के परिणाम तय कर सकती है।
सोशल मीडिया भी पत्रकारिता का अहम हिस्सा : पंकज शर्मा
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख पंकज शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया अब पत्रकारिता का अहम हिस्सा बन चुका है।
“इस पर प्रसारित होने वाली सूचनाएं समाज में व्यापक असर डालती हैं, इसलिए इसका प्रयोग पूरी जिम्मेदारी के साथ राष्ट्रहित में होना चाहिए,” उन्होंने कहा।
पत्रकारिता को मेहनत और निष्ठा से निभाएं : संजय त्यागी
गोष्ठी के अध्यक्षीय वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता संजय त्यागी ने कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण होता है। उसे सच्चाई, मेहनत और निष्ठा से अपने कार्य को अंजाम देना चाहिए। उन्होंने उपस्थित पत्रकारों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आज का दिन पत्रकारिता के मूल्यों को दोहराने का दिन है।
कार्यक्रम में रही ये प्रमुख उपस्थितियां
गोष्ठी में लवीश कुमार, पंकज कुमार, संजीव, मोहित, सुधांशु माहेश्वरी सहित कई पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। देवर्षि नारद जयंती पर विचारों का हुआ आदान-प्रदान, पत्रकारिता की भूमिका पर गहन चिंतन ने कार्यक्रम को सार्थकता दी।