पिलखुवा। देशभर में फार्मेसी शिक्षा का संचालन करने वाली राष्ट्रीय परिषद् फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने पिलखुवा, हापुड़ की जानी-मानी जीएस यूनिवर्सिटी को फार्मेसी में डिप्लोमा तथा बेचुलर डिग्री शुरू करने की अनुमति दे दी है। यह दोनों ही शिक्षा कार्यक्रम क्षेत्र के नवयुवकों के लिए नई खुशनुमा सुबह साबित होंगे।
यूनिवर्सिटी के कुलसचिव सुमित सिंह ने बताया कि ये कोर्स करने के बाद युवाओं को फार्मा कंपनियों में नौकरियां, रिसर्च और शिक्षण के अवसर और अपना कारोबार शुरू करने के समुचित विकल्प उपलब्ध होंगे। जिससे उनका जीवन सुखद बन सकेगा।
समाचार मिलने पर चांसलर डा. गंगासरण शर्मा ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जीएस यूनिवर्सिटी समाज की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तन-मन-धन से वचनबद्ध है तथा आयुर्विज्ञान, आयुर्वेद, नर्सिंग और फार्मेसी के जनहित क्षेत्रों में अच्छी से अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए निरंतर नए से नए शिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराने के पुण्य कार्य में जुटी है। यह कार्य यूनिवर्सिटी के लिए किसी बड़े यज्ञ से कम नहीं। उनका कहना था कि इसी से समाज का विकास होगा और भारत फिर से विश्व के अग्रणी राष्ट्रों में अपना स्थान प्राप्त कर सकेगा।
उन्होंने इस बड़े अवसर पर जीएस यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डॉ. अंकित शर्मा, कुलपति डॉ. यतीश अग्रवाल, उप कुलपति डॉ. रूपाली, डीन डॉ. प्रदीप गर्ग, उपनिदेशक अंकित विझ तथा मनोज शिसोदिया सहित सभी डाक्टरों, प्राध्यापकों और कर्मियों को प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने को साकार करने हेतु डटकर मेहनत करने का आवाहन किया। कुलसचिव सुमित सिंह ने बताया कि बी फार्मा और डी फार्मा दोनों ही कोर्सों में अगले सप्ताह से जीएस यूनिवर्सिटी में दाखिले शुरू कर दिए जाएंगे।