हापुड़। आंधी और बारिश से जगह-जगह पेड़ गिर जाने के कारण रेलवे ट्रैक और रेल यातायात भी प्रभावित हुआ। ऐसे में दो ट्रेनों का संचालन बदले मार्ग से किया गया, ऐसे में आने जाने वाली कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ। जबकि अधिकांश ट्रेनों का संचालन भी बेपटरी हो जाने के कारण रेलयात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। वही साथ ही आंधी-बारिश से क्षेत्र में अन्य नुकसान भी हुए। कई स्थानों पर पेड़ गिरे, बिजली के खंभे गिरने से विद्युत आपूर्ति बाधित हुई।
बुधवार शाम आंधी-बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से कई ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ। गाजियाबाद रेलखंड में रेलवे लाइन बधित होने के कारण बृहस्पतिवार तड़के सुबह नई दिल्ली से लखनऊ जाने वाली लखनऊ मेल गाजियाबाद से मेरठ के रास्ते होते हुए हापुड़ रेलवे स्टेशन पहुंची। वहीं, नई दिल्ली की तरफ से मुरादाबाद की ओर जाने वाली न्यू जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस भी इसी रास्ते से हापुड़ रेलवे स्टेशन आई।
सुबह के समय अधिकांश ट्रेनों का संचालन बिगड़ा रहा। रक्सौल से चलकर आनंद विहार को जाने वाली सत्याग्रह एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से पांच घंटे, प्रयागराज से सहारनपुर जा रही नौचंदी एक्सप्रेस दो घंटे 30 मिनट, सूबेदारगंज से मेरठ शहर को जा रही संगम एक्सप्रेस एक घंटा 45 मिनट, कोटद्वार से दिल्ली जाने वाली सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस दो घंटे 45 मिनट, जबलपुर से हरिद्वार जा रही ग्रीष्मकालीन स्पेशल ट्रेन तीन घंटे 30 मिनट देरी से रेलवे स्टेशन आई।
वहीं, बरेली से नई दिल्ली जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस दो घंटे 10 मिनट, बरेली से भुज को जा रही आला हजरत एक्सप्रेस एक घंटा 30 मिनट, डिबरुगढ़ से चलकर लालगढ़ जंक्शन हो जा रही अवध असम एक्सप्रेस एक घंटा 20 मिनट, सहरसा जंक्शन से आनंद विहार टर्मिनल को जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस एक घंटा 30 मिनट देरी से आई।
एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ पैसेंजर ट्रेनों का भी बुरा हाल रहा। बुलंदशहर से तिलक ब्रिज जाने वाली शटल पैसेंजर ट्रेन तीन घंटे, मुरादाबाद से गाजियाबाद जा रही मेमू ट्रेन दो घंटे 30 मिनट, दिल्ली से मुरादाबाद जा रही पैसेंजर ट्रेन 50 मिनट देरी से आई।
कार्यवाहक स्टेशन अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि आंधी बारिश के कारण रेलवे लाइन बाधित होने के कारण ट्रेनों का संचालन बेपटरी हो गया था। जिस कारण बृहस्पतिवार को अधिकांश ट्रेनें पीछे से ही घंटों की देरी से चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचीं।