हापुड़। एआरटीओ ने जनपद की हवा को दूषित कर रहे 15 साल पुराने पेट्रोल व डीजल वाहनों के विरुद्ध कार्यवही की है। 775 वाहनों का पंजीयन निरस्त (डी-रजिस्टर्ड) कर दिया गया है। नोटिस देने के बाद भी इन वाहनों के संचालकों ने दूसरे जनपदों के लिए उपसंभागीय कार्यालय से एनओसी नहीं ली और न ही वाहनों को स्क्रैप कराया है।
एआरटीओ प्रशासन छवि सिंह ने बताया कि नोटिस देने के बाद भी इन वाहनों के संचालकों ने दूसरे जनपदों के लिए उपसंभागीय कार्यालय से एनओसी नहीं ली और न ही वाहनों को स्क्रैप कराया है। एनजीटी के आदेशों का पालन करते हुए परिवहन विभाग (उपसंभागीय कार्यालय) ने लगातार पंद्रह साल पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही की है।
जनपद के 1400 से अधिक वाहनों को चिह्नित किया गया था। इसके बाद इनका संचालन बंद करने के लिए वाहन स्वामियों को नोटिस जारी हुए थे। साथ ही सार्वजनिक सूचना जारी करते हुए अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेकर एनसीआर क्षेत्र से दूसरे जिले में वाहनों का संचालन करने के आदेश दिए थे।
बावजूद इसके करीब पचास प्रतिशत वाहन स्वामियों ने लापरवाही बरती है। इन्होंने न तो अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिए और न ही एनसीआर क्षेत्र से बाहर वाहनों का संचालन किया। इसके अलावा इन वाहनों को स्क्रैप भी नहीं किया गया। जबकि, परिवहन विभाग ने फरवरी 2024 में इन वाहनों के संचालकों को नोटिस जारी किए थे।
एआरटीओ प्रशासन छवि सिंह- ने बताया की 775 गैर परिवहन यान का पंजीयन पूर्व में छह माह के लिए निलंबित किया गया था। पुन: नोटिस देकर छह माह का फिर से समय दिया था। अब इन सभी वाहनों का पंजीयन तत्काल निरस्त किया गया है।