हापुड़ अवकाश के बाद सोमवार को गढ़ रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी में मरीजों की भीड़ जुटी। पर्चा, परामर्श और दवा के लिए मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जनरल ओपीडी में सोमवार को चिकित्सक नहीं पहुंचे। मेडिकल के प्रशिक्षु छात्रों से अधिकारियों ने ओपीडी चलवा दी, जिन्होंने सरकारी पर्चे पर बाहर की दवाएं लिख डाली। अस्पताल की फार्मेसी पर ये दवाएं नहीं मिलने से परेशान मरीज भटकते रहे। वहीं, भीड़ अधिक होने के कारण मरीज चिकित्सकों के चैंबर में भी घुस गए।
जिले के सर्वाधिक ओपीडी वाला सरकारी अस्पताल हापुड़ सीएचसी है, लेकिन पिछले करीब एक साल से इसमें स्वास्थ्य सेवाएं हासिए पर आ गई हैं। सोमवार को जनरल ओपीडी में चिकित्सकों के तीनों चैंबर खाली पड़े रहे। इन चैंबर में मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को बैठा दिया, ये छात्र अस्पताल में प्रशिक्षण लेने आते हैं। मौसम में उतार-चढ़ाव की वजह से ओपीडी में मरीज अधिक पहुंचे।
सोमवार को अवकाश बाद खुले अस्पताल में 1500 से ज्यादा मरीज पहुंचे, जिस कारण ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें लगी रहीं। मरीजों की भीड़ जुटी तो अस्पताल की व्यवस्थाएं लड़खड़ा गईं। प्रशिक्षु छात्रों ने सरकारी पर्चों पर बाहर की दवाएं लिख डाली। जब मरीज पर्चे लेकर फार्मेसी पहुंचे तो वहां उक्त दवाएं नहीं मिलीं। जिस कारण मरीज कभी फार्मेसी जाते तो कभी चिकित्सक के चैंबर में जाते।
बहुत से मरीजों ने बाजार के मेडिकल स्टोरों से दवाएं खरीदीं। इसके अलावा दंत रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में भी कुर्सी खाली पड़ी रही। मरीजों ने दोपहर तक उनके आने का इंतजार किया, लेकिन उपचार शुरू नहीं हो सका। मरीजों को संतोषजनक जवाब देने वाला भी कोई नहीं मिला।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की सरकारी पर्चों पर बाहर की दवाएं लिखना गंभीर मामला है। इस प्रकरण की जांच कराएंगे। मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।