गरीब माताओं के लिए वरदान साबित हो रही स्वास्थ्य विभाग की नर्सरी
जनपद हापुड़ में गरीब माताओं के लिए स्वास्थ्य विभाग की नर्सरी ही वरदान साबित हो रही हैं, गर्भावस्था में मां के एनिमिक होने से नवजात शिशु समय से पहले ही गर्भ छोड़ रहे हैं, कोई सात तो कोई आठ महीने में ही पैदा हो रहा है।
जिन्हें बचाने के लिए 15 से 20 दिनों तक नर्सरी में रखना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की नर्सरी में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखकर बच्चों को स्वस्थ किया जा रहा है, विभाग की नर्सरी में भर्ती 70 फीसदी बच्चे समय से पहले जन्म लेने वाले ही हैं।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि जनपद में गर्भ धारण करने वाली 30 फीसदी से अधिक महिलाएं खून की कमी से पीड़ित मिलती हैं। ऐसे में गर्भ में पल रहे बच्चों को पूर्णत आहार नहीं मिल पाता, जिसके चलते उनकी ग्रोथ भी सही प्रकार से नहीं हो पा रही।
ऐसे बच्चे श्वसन संकट सिंड्रोम (आरडीसी) और बर्थ एस्फिक्सिया की चपेट में भी आ रहे हैं। गढ़ रोड सीएचसी में वर्तमान में 9 ऐसे ही बच्चों का इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि समय से पहले बच्चे के जन्म लेने का कारण प्रदूषण और मां के शरीर में इंफेक्शन भी है। ऐसे बच्चों को 15 से 20 दिनों तक भर्ती रखना पड़ रहा है।
कुल मिलाकर प्राइवेट नर्सरी में बच्चे को रखने का एक दिन का खर्च ही करीब 10 से 15 हजार होता है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की यह नर्सरी गरीब परिवारों के लिए वरदान से कम नहीं है। अब जल्द ही एक नर्सरी जिला अस्पताल में भी बनने जा रही है, जो आधुनिक मशीनों से लैस होगी।