हापुड़। गुरुवार को हापुड़ में अपनी मांगों को लेकर आंगनबाड़ी संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश की सैकड़ो महिलाओं ने प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा है। जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर आंगनबाड़ी संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश की सैकड़ो महिलाओं ने अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने को लेकर प्रदर्शन किया। दिए गए ज्ञापन में मांग की गई कि आंगनबाड़ी कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, पूरा वेतन, फंड, पेशन, महंगाई भत्ता, ग्रेजुएटी प्रदान की जाय।
न्यूनतम वेतन तत्काल प्रदान किया जाय, सुप्रीम कोर्ट के ग्रेच्युटी भुगतान व गुजरात हाईकोर्ट के आँगनबाडी कर्मचारियों को सिविल सरकारी सेवक के आदेशों को लागू किया जाय, केन्द्र के 65 वर्ष में रिटायरमेंट और अन्य राज्यों में पेंशन अथवा एक मुश्त धनराशि के भुगतान के सभी प्रावधानों को उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जाए, आनलाइन कार्य के लिए अलग से 2500 मासिक भत्ता दिया जाय, संसाधनों के बिना आन लाइन कार्य-फेस आई.डी आदि को तत्काल स्थिगित किया जाय। सरकार के आदेश के लम्बित रहते आँगनबाड़ी कर्मचारी मजबूरी में 1 मई से इस कार्य से विरत रहेगीं, ICDS योजना का विस्तार प्रदेश की पूरी आबादी को कवर करते हुए किया जाय, नये आँगनवाड़ी सेंटर खोले जाय। योजना में आउटसोर्सिंग से एजुकेटर की संविदा भर्ती रदद की जाए।
मांग की गईं कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मुख्य सेविका पद पर तथा सहायिकाओं को कार्यकत्री के पदों पर समय से प्रमोशन सुनिश्चित किये जाए, 1500, 2000 प्रोत्साहन राशि पीएलआई का भुगतान सभी आंगनबाड़ी कर्मचारियों का किया जाए, मानदेय में कन्वर्ट किया जाए, इसमें बंदर बॉट, मनमाना रवैया व लूट खसोट घाँधली बंद की जाए, आंगनबाड़ी केन्द्रों के नौनिहालों के लिए बेसिक तथा माध्यमिक स्कूलों के बराबर ही कोई भी छुट्टी तथा ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश घोषित किये जाए जो पूरे प्रदेश में लागू हों।
पोषण ट्रैक्टर पर आंगनबाडी कर्मचारी के लाभार्थी अपने आप डिलीट हो जाते हैं। डेटा के साथ छेड़छाड़ ना की जाए। पोषण ट्रैक्टर का अपना आंगनवाड़ी का एक्सिस केवल आंगनबाड़ी के पास होना चाहिए। पोषण ट्रैक्टर 24 घंटे खुला रहना चाहिए। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को ऑफिस का काम करने के लिए और राशन उठान के लिए ऑफिस में बैठाया जाता है। आंगनबाड़ियों का अपना कार्य पढ़ाई भी पोषण भी बाधित होता है। ऑफिस काम के लिए आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर को ना लगाया जाए।
उत्तर प्रदेश के हर जिले में कम से कम 10% आंगनबाड़ियों का हर महीने मानदेय रुक जाता है, जिसको टेक्निकल इशू बता दिया जाता है, मानदेय तुरंत दिलाया जाए। आंगनबाड़ियों के लिए भय मुक्त और शोषण मुक्त नीति बनाई जाए हमेशा आंगनबाड़ियों को मानदेय काटने और सेवा समाप्ति की धमकी देकर ब्लैकमेल किया जाता है, वह न किया जाए। आंगनबाड़ियों को आए दिन जिले और ब्लॉक की मीटिंग तथा नेताओं की रैलियों में बुलाया जाता है। उसके लिए आंगनबाड़ियों को टीएडीए दिलवाया जाए।
आंगनबाड़ियों की जिले की समस्याओं के निस्तारण के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ संगठन के पदाधिकारीयों की माह में एक बार मीटिंग तय की जाए। ऑनलाइन काम के प्रेशर से उत्तर प्रदेश के हर जिले में दो चार आंगनवाड़ी ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक से हर महीने मर रही है। ऑनलाइन काम पूरी तरह से बंद किया जाए। आंगनबाड़ी कर्मचारी को किस महीने में किस मद में कितना पैसा देय हो रहा है यह पासबुक में अंकित किया जाय। राशन डीलर और स्वयं सहायता समूह को आंगनबाड़ियों के बीच से हटाया जाए, राशन की बंदर बाट व लूट खसूट को बंद करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सोपा है और मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की है।