हापुड़ के बक्सर स्थित सहकारी समिति से खाद की घटतौली में समिति के कर्मचारियों की लापरवाही का मामला सामने आया है। जिसमें गड़बड़ी पाई गई, जो सवाल के घेरे में है। क्योंकि स्टॉक प्राप्त करने के पांच दिन बाद भी उन्होंने घटतौली की कोई जानकारी नहीं दी। किसानों के हंगामे के बाद इसका खुलासा हो सका था। एआर कोऑपरेटिव ने रिपोर्ट तैयार करा दी है, जिसे डीएम को सौंपा जाना है।
सहकारिता विभाग की जिले में 32 समितियां हैं, जिनसे किसानों को यूरिया, डीएपी उपलब्ध कराया जाता है। बक्सर स्थित सहकारी समिति पर पिछले दिनों भाकियू कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर डीएपी के कट्टों में तीन किलो तक कम उर्वरक होने की शिकायत की थी। घटतौली की वीडियोग्राफी भी की गई थी।
इस प्रकरण में एआर कोऑपरेटिव द्वारा मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया। टीम ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। दरअसल, मालगाड़ी के जरिए हापुड़ स्टेशन पर डीएपी आती है। यहां से ट्रक के जरिए उर्वरक पीसीएफ गोदाम भेज दिए जाते हैं। जहां से डिमांड के अनुसार समितियों पर उर्वरक सप्लाई होते हैं।
जांच में पाया गया है कि जिस तिथि को समिति ने उर्वरक प्राप्त किया, उस समय वजन आदि का सत्यापन नहीं किया। इस लापरवाही के कारण ही यह पता नहीं चल सका कि किस स्तर पर घटतौली की गई थी। स्टॉक मिलने के पांच दिन बाद किसानों ने हंगामा किया, जांच में 156 कट्टों में घटतौली थी। अब ऐसे में समिति के कर्मचारियों की ही लापरवाही इसका कारण बनती है।
बहरहाल, इस मामले में जांच रिपोर्ट तैयार है। जिसे डीएम के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है। डीएम के मार्गदर्शन पर ही आगामी कार्यवाही की बात अधिकारी कह रहे हैं।
एआर कोऑपरेटिव प्रेम शंकर- ने बताया की बक्सर समिति के मामले में जांच रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। समिति की लापरवाही सामने आ रही है। हालांकि रिपोर्ट डीएम के समक्ष प्रस्तुत की जानी है, इसके बाद आगामी कार्यवाही होगी।