हापुड़ के जसरूपनगर बिजलीघर से जुड़े इलाकों में रविवार सुबह 11 से रात दस बजे तक सप्लाई बाधित रही। इसके बाद भी कम वोल्टेज वाली सप्लाई मिली, जिसके कारण हजारों ग्रामीण परेशान हुए। 12 घंटे तक कर्मचारी फाल्ट तलाशते रहे।
गर्मी में घरों में बिजली के उपकरण ही सहारा बनते है, लेकिन कई घंटों तक बिजली गुल रहने पर लोगों को बिजली संकट ने रोने पर मजबूर कर दिया है। सुबह 11 से रात दस बजे तक बिजली का संकट रहा। जबकि बिजनेस प्लान में लाइनों पर करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं।
बिजलीघर से बदनौली, दस्तोई, दादरी, पांची आदि गांवों को सप्लाई मिलती है। दो दिन पहले तेज आंधी में लाइनों में फाल्ट आया था। लेकिन अगले ही दिन सुबह सप्लाई बहाल हो गई। वहीं, रविवार सुबह करीब 11 बजे लाइन में फाल्ट आया। जिस कारण सभी गांवों की आपूर्ति बाधित हो गई।
पूरे दिन आपूर्ति बहाल नहीं होने पर ग्रामीणों में आक्रोश पनपने लगा। रात करीब 11 बजे सप्लाई चालू कर दी गई, लेकिन बेहद कम वोल्टेज आए। जिसमें उपकरण तक नहीं चल सके, तड़के करीब चार बजे सही वोल्टेज मिले।
बड़ा सवाल यह है कि बिजनेस प्लान में बिजलीघरों की मशीनें और लाइनें बदली गई थीं। फिर दिन में 11 बजे हुए फाल्ट को शाम तक कर्मचारी क्यों नहीं तलाश पाए। ऐसे में कर्मियों की लापरवाही भी उजागर हुई है।
एसडीओ द्वितीय हिमांशु सचान- ने बताया की लाइन में फाल्ट के कारण समस्या बनी थी, जिसे दुरुस्त कर सप्लाई बहाल करा दी गई। विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने का हर संभव प्रयास है।