हापुड़। इन दिनों मौसम के तेवर बदले हुए हैं। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में हर तीसरा मरीज बुखार, डायरिया से पीड़ित है। गर्मी के कारण बीमार मरीजों को वार्डों में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। सिर दर्द और त्वचा झुलसने की समस्या से भी मरीज परेशान हैं। उधर, लू को लेकर अलर्ट के बाद मरीजों को सावधानी बरतने की हिदायत दी जा रही है।
गर्मी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि गर्मी लगने पर शरीर में द्रव्य बॉडी फ्लूड सूखने लगते हैं, शरीर में पानी और नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा भी अधिक रहता है। इन दिनों तापमान में बढ़ोतरी हो रही है, जिसका असर मरीजों पर दिखने लगा है।
ओपीडी में आने वाले बुखार और डायरिया से पीड़ित मरीजों पर गर्मी का असर है। डीहाइड्रेशन से पीड़ित मरीजों को भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। उन्होंने मरीजों से अपील की है कि झोलाछापों के चक्कर में न आएं, समस्या होने पर सही उपचार लें।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसलिए अधिक गर्मी के दौरान बच्चों को लेकर सजग रहें। उन्हें समय समय पर ओआरएस घोल, तरल चीजें खिलाते रहें। संतुलित भोजन कराएं, समस्या होने पर परामर्श के बाद ही दवाएं दें।
ये करें :
लू चलने पर बाहर निकलने से बचें।
पानी, नीबू शिकंजी, छाछ, ओआरएस घोल का सेवन अधिक करें।
ज्यादा देर तक धूप में ना खड़े हों।
सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीज मास्क पहनकर बाहर निकलें।
छाता लेकर निकलें, शरीर को ढक कर रखें।