थायराइड पीड़ित गर्भवतियों से शिशुओं में पहुंच रहा थायराइड, रुक रहा है बच्चों में दिमागी विकास
जनपद हापुड़ मे थायराइड की चपेट में आने वाली गर्भवतियों की संतान में भी यह बीमारी पहुंच रही है। थायराइड के कारण बच्चों का दिमागी विकास रुक रहा है।
गढ़ रोड सीएचसी की बाल रोग ओपीडी में ऐसे बच्चों का उपचार चल रहा है, दवाओं के साथ आयोडीन युक्त नमक और हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने की सलाह दी जा रही है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि सर्दी के मौसम में बच्चे निमोनिया, सांस संबंधी समस्या से जूझ रहे हैं। कफ की समस्या बच्चों को परेशान कर रही है, इसके अलावा थायराइड छोटे बच्चों में मिल रहा है।
छोटे बच्चों में इस तरह की बीमारियां कम ही मिलती हैं। जांच में पता चला है कि बच्चे के गर्भ में होने के दौरान गर्भवती के थायराइड पीड़ित होने से बच्चे के भी पॉजिटिव होने का खतरा बढ़ जाता है। ओपीडी में कई बच्चों का उपचार किया है, इस बीमारी से पीड़ित बच्चे दिमागी तौर पर कमजोर रहते हैं।
कई बार बच्चा मंदबुद्धि भी हो जाता है, गर्भ के दौरान ही गर्भवती महिलाओं को थायराइड की जांच करा लेनी चाहिए, ताकि उस समय दवाओं के जरिये बच्चे को इस बीमारी से बचाया जा सके। थायराइड से पीड़ित बच्चे को कब्ज की समस्या रहती है, इससे पेट संबंधी कई रोग भी हो जाते हैं।
बच्चों में थायराइड से होने वाली परेशानियां
बच्चा दिमागी तौर पर कमजोर रहता है, सिर में काग का आकार काफी बड़ा हो जाता है, बच्चा जीभ बाहर करे रहता है, कब्ज के साथ साथ पेट संबंधी समस्याएं रहतीं हैं।
इस तरह से किया जा सकता हैं बचाव
गर्भ के दौरान महिलाएं अपने थायराइड की जांच कराएं, बच्चों को आयोडीन युक्त नमक का ही सेवन कराएं, हरे पत्तेदार सब्जियां खिलाएं, पानी युक्त चीजें दें।
सीएचसी अधीक्षक -डॉ. दिनेश खत्री ने बताया कि सीएचसी में आने वाले बच्चों को उपचार के साथ-साथ जांच की सुविधा भी दी जा रही है। ऐसे बच्चों की विशेष निगरानी करायी जा रही है। अभिभावक लक्षण मिलने पर बच्चे की जांच अवश्य करा लें।