हापुड़ क्षेत्र में गन्ने की कमी का असर मिल के पेराई सत्र पर दिखने लगा है। यही कारण है कि मार्च के अंतिम सप्ताह में ही सिंभावली चीनी मिल नो-केन की स्थिति से जुझने लगी है। मिल की ओर से अंतिम नोटिस चस्पा करते हुए 28 मार्च को मिल के पेराई सत्र बंद करने की बात कही गई है। लेकिन गन्ना विभाग ने क्षेत्र में नो केन होने तक पेराई चालू रहने का दावा किया है।
चीनी मिल का पेराई सत्र नवंबर में शुरू हुआ था। इस बार चीनी मिल के साथ ही नकद भुगतान के चक्कर में किसानों ने कोल्हू और क्रेशर पर बढ़ी मात्रा में गन्ने की आपूर्ति की। इसलिए सिंभावली चीनी मिल को वर्तमान में गन्ने की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे मिल के पेराई में बाधा आ रही है। मिल में ‘नो केन’ की स्थिति बन रही है, इसलिए प्रबंधन जल्द मिल को बंद करने की संभावना है। यहीं कारण है कि अब चीनी मिल अप्रैल शुरू होने से पहले ही पेराई सत्र बंद करने वाली है।
मिल प्रबंधन द्वारा अधिकारियों को भेजे गए पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है कि पिछले कई दिनों से गन्ने की आपूर्ति काफी कम हो रही है। जिसे लेकर किसानों को गांवों में जाकर जागरूक भी किया गया। लेकिन अभी भी स्थिति में सुधार नहीं है। गन्ना आपूर्ति न हो पाने से मिल में नो केन की स्थिति बन रही है। इसलिए सभी किसानों से 28 मार्च की शाम पांच बजे तक मिल के केंद्रों पर गन्ने की खुली खरीद की जाएगी। उसके बाद चीनी मिल का पेराई सत्र बंद हो जाएगा।
वहीं, किसानों ने खेतों में गन्ना खड़े होने की सूचना गन्ना विभाग को दी है। जिस पर जिला गन्ना अधिकारी ने गन्ना समितियों को सर्वे करने के आदेश दिए हैं, जिसमें पता चल सकेगा कि खेतों में कितना गन्ना बचा है। उन्होंने नो केन होने तक पेराई चालू रखवाने का दावा किया है। बता दें कि ब्रजनाथपुर चीनी मिल करीब दो सप्ताह पहले ही बंद हो चुका है।
जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन खान- ने बताया की किसानों के पास अभी गन्ना है, समितियों से सर्वे कराया जा रहा है। नो केन होने तक मिल चलेंगी, जिन किसानों के पास गन्ना है वह जल्द सप्लाई करें।