हापुड़ /गढ़मुक्तेश्वर। चैत्र नवरात्र की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती है। इस बार नवरात्र 30 मार्च से शुरु हो रहे हैं। इस बार कई शुभ योग बन रहे हैं। कहा जा रहा है कि इन योग में मां दुर्गा का पूजन अति फलदायी होगा। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत और समाप्ति इस साल रविवार के दिन हो रही है। इसलिए मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान हाथी पर होगा, जिसे सुख-समृद्धि से जोड़ा जाता है।
आदिशक्ति का महापर्व नौदिवसीय चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025 से हो रही है। हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्र की शुरुआत रविवार को होने के कारण आदिशक्ति मां दुर्गा का आगमन गज की सवारी पर होगा। इस बार आठ दिन ही व्रत रखा जाएगा, लेकिन माता के नौ स्वरूपों की पूजा होगी। ऐसे में नवरात्रि का समापन भी रविवार के दिन ही होगा।
पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि चैत्र मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नए संवत्सर के साथ नवरात्र भी प्रारंभ हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि नवरात्र में चार दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। कलात्मक योगे, पद्मयोग, सौभाग्य योग, शोभन योग एवं इंद्र योग भी रहेंगे। इन दिनों में सभी शुभ कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होने का योग बनेगा। बताया कि इस बार तृतीय तिथि का क्षय है जिस कारण नवरात्र आठ दिन के मनाए जाएंगे।
ऐसे करें पूजन
■ सुबह स्नान के बाद पूजा के स्थान पर गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करें।
■ चौकी पर माता की प्रतिमा को स्थापित करने के बाद गंगाजल से अभिषेक करें।
■ नई पोशाक, चुनरी, आभूषण और पुष्पमाला धारण कराएं।
■ केसर चंदन अक्षत से तिलक करें। लाल पुष्प सिंदूर श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
■ माता के समक्ष घट स्थापित करें।
■ घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 55 मिनट से लेकर 10 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।
■ मिट्टी के पात्र में जौ बोएं। दीप एवं धूप जलाकर श्री दुर्गा चालीसा एवं श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।