हापुड़ शहर व देहात की मस्जिदों में शुक्रवार को रमजान माह के तीसरे जुमे की नमाज अदा की गई। इस दौरान रोजेदारों ने देश में अमन, चैन और भाईचारे की दुआ मांगी। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मिश्रित आबादी क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात रहा।
रमजान के तीसरे जुमा को लेकर सुबह से ही घरों और मस्जिदों में तैयारियां शुरु हो गई थीं। छोटे बच्चों ने भी जुमा का रोजा रखकर इबादत की। मोहल्ला रफीकनगर, मजीदपुरा, मोती कालोनी, सिकंदर गेट, कोटला मेवातियान, आवास विकास कालोनी, गढ़ गेट, कोटला सादात, नूरबफान गंज, सराय बसारत अली सहित सभी मस्जिदों में साफ सफाई कर जुमा की नमा नमाज अदा की गई।
रमजान सिर्फ रोजा रखने का महीना नहीं है, बल्कि यह इंसानियत, भाईचारे और आपसी प्रेम का प्रतीक है। रमजान का यह पाक महीना हमें यह सिखाता है कि रमजान का उद्देश्य न केवल आत्म-सुधार करना है, बल्कि दूसरों की मदद करना, समाज में शांति और सद्भाव का वातावरण बनाना है।
सराय बसारत अली मस्जिद में जुमा से पूर्व बयान करते हुए मुफ्ती खालिद कासमी ने कहा कि रमजान का तीसरा अशरा शुरू हो गया है। हर रोजेदार को गुनाहों से तौबा कर अल्लाह से माफी मांगनी चाहिए और एक नई जिंदगी शुरु करने का इरादा करना चाहिए। रमजान माह लोगों के साथ हमदर्दी करनी चाहिए। प्रत्येक रोजेदार को ईद से पहले फितरा जरूर निकाल लेना चाहिए।
नमाज के बाद मस्जिदों में देश में अमन चैन और भाईचारे की दुआ की गई। महिलाओं ने घरों में नमाज अदा कर कुरान ए पाक की तिलाबत की। छोटे बच्चे, बुजुर्गों ने भी रोजा रखकर इबादत में दिन गुजारा। शाम के घरों और मस्जिदों में इफ्तारी किया गया।