हापुड़ जिले के 19 शीतगृहों में (करीब 1.90 लाख मीट्रिक टन) 300 करोड़ रुपये के आलू का भंडारण हो चुका है, अधिकांश शीतगृह 88 फीसदी तक भर चुके हैं, जबकि तीन छोटे शीतगृह पूरी तरह भर गए हैं। मंडी में अच्छा दाम मिलने के कारण हर रोज दस हजार से अधिक कट्टे (50 किलोग्राम) बिक्री के लिए पहुंच रहे हैं। अधिकारी हर रोज निरीक्षण कर, भंडारण का सत्यापन करने में जुटे हैं।
30 हजार से अधिक किसान आलू की खेती करते हैं, इस साल 4300 हेक्टेयर रकबे में आलू की बुवाई हुई। मौसम अनुकूल रहने से खोदाई भी समय से शुरू हो गई। कुछ खेतों में निकासी कम है तो कुछ में बंपर भी है। जिले के 19 शीतगृहों में 2.10 लाख मिट्रिक टन आलू भंडारण की क्षमता है। इसके सापेक्ष 1.90 लाख मिट्रिक टन आलू का भंडारण हुआ है। किसान अब तक करीब 300 करोड़ के आलू का भंडारण कर चुके हैं।
चिप्सोना आलू के दाम मंडी में 700 से 750 रुपये प्रति कट्टा तक हैं। जिस कारण मंडी में हर रोज दस हज़ार से अधिक कट्टे बिक्री के लिए पहुंच रहे हैं। बहुत से किसानों ने खेत में खड़े आलू की ठेकेदारों को बेच दिए हैं।
उद्यान विभाग के अनुसार 90 फीसदी फसल किसानों ने उठा ली है, सिर्फ दस फीसदी आलू ही खोदाई के लिए अवशेष है। जिसमें विभिन्न कंपनियों द्वारा ठेके पर उगाई फसल भी शामिल है।
किसानों की मानें तो शुगर फ्री में रखा जाने वाला आलू लगभग रखा जा चुका है। बीज के लिए आलू रखना शेष है। इस बार मौसम साफ रहने के कारण खोदाई लगातार चली, जिस कारण शीतगृहों में भीड़ भी नहीं लगी। बाजार का अच्छा दाम भी किसानों को रास आया।
ठेके पर बड़ी मात्रा में लगा है आलू :
जिले में इस बार विभिन्न कंपनियों ने किसानों से कांट्रेक्ट पर आलू की बुवाई कराई है। कंपनी अपना ही बीज किसानों को देती हैं, जबकि किसानों से उसे तैयार कराकर एक निश्चित दाम पर खरीदा जाता है। इस साल से यह चलन काफी बढ़ा है।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. हरित- ने बताया की शीतगृहों में आलू भंडारण का रोजाना सत्यापन कराया जा रहा है। शीतगृहों में करीब 88 फीसदी भंडारण हो चुका है। रात के समय भी निरीक्षण किया जा रहा है। किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।