हापुड़ जिले की चीनी मिलों ने होली से पहले किसानों को भुगतान किया है। सिंभावली मिल ने 30 नवंबर और बृजनाथपुर मिल ने 15 नवंबर 2024 तक का भुगतान कर दिया है। हालांकि अभी भी मिलों पर 369 करोड़ रुपये बकाया हैं।
गन्ना किसानों के भुगतान में जिले की दोनों चीनी मिल पिछड़ रहीं है। गन्ना किसान बेबस नजर आ रहा है। इस सत्र में दोनों चीनी मिल 1.72 करोड़ क्विंटल गन्ना किसानों से खरीद चुकी हैं, जिनका 83 फीसदी से अधिक भुगतान मिलों पर बकाया है।
जिले के किसानों की जीविका का मुख्य सहारा गन्ना है। पिछले साल करीब 39 हजार हेक्टेयर रकबे में गन्ने की खेती की गई है। हालांकि बीमारी अधिक लगने के कारण इस बार उत्पादन कम हुआ है। शासन द्वारा दामों में भी कोई इजाफा नहीं किया गया है। चीनी मिल पिछले साल की तरह अभी भी भुगतान देने में पीछे हैं।
हालांकि होली से पहले सिंभावली चीनी मिल ने 30 नवंबर तक का भुगतान किया है, इस सत्र में मिल 54 करोड़ का भुगतान कर चुका है। जबकि बृजनाथपुर चीनी मिल ने 15 नवंबर तक का भुगतान किया है, यह मिल इस पेराई सत्र का 7.83 करोड़ रुपये भुगतान कर चुका है। मिलों के गोदामों में चीनी के भंडार भरे हुए हैं, केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार ही चीनी की बिक्री कराई जा रही है।
गन्ना विभाग के अधिकारी लगातार पत्राचार कर, भुगतान में तेजी के भी निर्देश दे रहे हैं। बता दें कि इस सत्र में सिंभावली और बृजनाथपुर चीनी मिल 1.72 करोड़ क्विंटल गन्ने की पेराई कर चुकी हैं, जिनका 83 फीसदी से अधिक भुगतान मिलों पर बकाया है।
जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन खान- ने बताया की चीनी मिलों से किसानों को लगातार गन्ना भुगतान कराया जा रहा है। नए सत्र में किसानों को तेजी से भुगतान मिलेगा, उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा।