हापुड़ के एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) बोर्ड ने गढ़मुक्तेश्वर का चयन स्पेशल दो स्टेट योजना के तहत किया है। योजना के तहत उत्तर प्रदेश टूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड पूरे क्षेत्र में संकेतक लगवाएगा। गंगानगरी में 3.04 करोड़ की लागत से संकेतक लगेंगे। जिससे सड़क हादसे कम होंगे। इसके लिए टेंडर भी निकाला गया है।
केंद्र और प्रदेश सरकार गढ़ व ब्रजघाट का विकास हरिद्वार की तर्ज पर करा रही है। पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन गढ़मुक्तेश्वर एक पुराना नगर है। यहां पर मोहल्लों, मार्गों और गांवों के बाहर संकेतक व नाम बोर्ड भी नहीं लगे हैं। इस कारण दूसरे स्थानों से आने वाले लोग गंतव्य तक पहुंचने में भटक जाते हैं। ऐसे में मार्गों की स्थिति बताने के लिए संकेतक का होना जरूरी है।
वहीं संकेतक न लगने के कारण सड़क दुर्घटनाएं भी होती हैं। सड़क हादसों में कमी लाने और लोगों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मार्गों पर संकेतक लगाए जाएंगे। नौ माह के अंदर इस कार्य को विभाग पूरा कराएगा। प्रदेश में यह कार्य यूपीएसटीडीसी (उत्तर प्रदेश टूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) विभाग को सौंपा गया है।
उत्तर प्रदेश टूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड 3.04 करोड़ रुपये से पूरे क्षेत्र में संकेतक लगवाएगा। जिससे इस क्षेत्र में सड़क हादसों में कमी आएगी। साथ ही मोहल्लों और गांवों के बाहर भी बोर्ड लगाए जाएंगे। इससे लोगों को रास्तों पर भटकना भी नहीं पड़ेगा।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र सिंह का कहना है कि यूपीएसटीडीसी विभाग द्वारा 3.04 करोड़ से कार्य कराया जाएगा। गढ़मुक्तेश्वर का चयन एनसीआर बोर्ड ने स्पेशल दो स्टेट योजना के लिए किया है।