हापुड़ /गढ़मुक्तेश्वर। इस बार 7 मार्च से होलाष्टक शुरू होगा। इस दौरान विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे। 14 जनवरी को मकर संक्रांति से शुरू हुए मांगलिक कार्यों पर सात मार्च को विराम लग जाएगा। यह सिलसिला 15 अप्रैल तक जारी रहेगा। फिर अप्रैल से जून के बीच शहनाइयां बजेंगी।
विवाह आदि मांगलिक कार्य के लिए अब मात्र सात ही दिन शेष हैं। इसके बाद सात से मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। इस समय विवाह, मुंडन, नामकरण, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य करने पर रोक रहती है। इस अवधि में सभी ग्रह उग्र स्थिति में रहते हैं। इस कारण वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है, इसीलिए शुभ कार्यों पर रोक रहती है।
पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि सात मार्च दिन शुक्रवार से होलाष्टक प्रारंभ हो जाएंगे, जो फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तक रहेंगे। होलाष्टक के दौरान किसी भी मांगलिक कार्य को नहीं किया जाएगा। इस दौरान 14 मार्च को सूर्य देव भी मीन राशि में प्रवेश करेंगे और एक माह तक इसी राशि में विचरण करेंगे। खरमास के दौरान भी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे। अगली तिथियों के लिए होने लगी बरातघरों की बुकिंग आगामी माह में के लिए अभी से बुकिंग शुरू हो गई हैं।