हापुड़। खून की कमी से प्रतिरोधक क्षमता गिर रही हैं। भोजन में पौष्टिकता दूर होने से मरीजों में खून की कमी हो रही है। जिसके कारण उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने से बीमारियां जकड़ रही हैं। जिला अस्पताल, सीएचसी में भर्ती होने वाले हर तीसरे मरीज में खून की कमी मिली है।
जिला अस्पताल और सीएचसी में आए गंभीर रोगियों में 112 मामले ऐसे आए हैं, जिनमें सीवियर एनीमिया पाया गया। इनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल रहीं। अधिकांश को खून चढ़ाना पड़ा। इनमें कई ऐसे मामले हैं, जिन्हें एक महीने से बुखार आ रहा है। अचानक हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि इंफेक्शन काफी बढ़ चुका है। शरीर में खून की कमी हो गई है। इनमें सिर्फ महिलाएं ही नहीं हैं। 30 साल के युवक और 50 साल के व्यक्ति तक परेशान हैं।
ऐसे में प्राथमिक तौर पर इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर इसे सीवियर एनीमिया के केस में लिखते हैं। विशेषज्ञ द्वारा मरीज का इलाज शुरू करने के बाद एनीमिया का कारण पता चलता है। चिकित्सकों के मुताबिक टीबी, लिवर व किडनी के इंफेक्शन वाले मरीजों में एनीमिया ही प्राथमिक जांच में पता चल पाता है। इसके आवा थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के मरीजों की संख्या बढ़ना भी सीवियर एनीमिया का कारण है।
फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि कई बीमारियों में लक्षणों से ज्यादा खून की कमी साफ दिखाई देती है। ऐसे में ईएमओ उन्हें एनीमिया पेशेंट के रूप में ही भर्ती करते हैं। इसलिए ऐसे मरीजों की संख्या ज्यादा है। बाद में विशेषज्ञ डॉक्टर जांच के आधार पर बीमारी का पता लगाते हैं और उपचार करते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल-
- हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक सेवन करें।
- प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन करें।
- व्यायाम करें, अधिक मात्रा में तरल लें।
- कमजोरी, सांस लेने में समस्या व अन्य लक्षण दिखने पर चिकित्सक से परामर्श लें।