हापुड़ – आए दिन अक्सर प्राइवेट अस्पतालों पर हंगामा होने और लापरवाही बरतने के आरोप लगते रहते हैं। और अस्पतालों पर घंटों तक प्रदर्शन किया जाता है और प्रदर्शन अपने आप कुछ ही देर में शांत भी हो जाता है।
ऐसा ही हंगामा हापुड़ कोतवाली के सामने बेबी केयर हॉस्पिटल पर हुआ जहां इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा लापरवाही के चलते बच्चे की मौत की वजह बताई। इस हंगामे की सूचना पर पुलिस अस्पताल पहुंची और पूरी वजह जानी जिसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली और पूरी घटना देखी जिसमें साफ साफ दिख रहा था कि बच्चे की मां और पिता तेजी से बच्चे को लेकर अस्पताल की इमर्जेंसी वार्ड के अंदर बुधवार की सुबह 10 बजकर 10 मिनट 25 सैकेंड में गए जिसके बाद 10 बजकर 12 मिनट पर डॉक्टर युनुस बच्चे को देखने पहुंचे और ठीक 10 बजकर 12 मिनट 58 सेकेंड पर जोर जोर से रोने और चीखने की आवाज आने लगी। जिसके बाद अस्पताल में हंगामा शुरू हो गया। और चीख पुकार मच गई, डॉक्टर युनुस बच्चे को मृत घोषित कर चले गए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में देखा कि गमगीन परिजनों ने अस्पताल के अन्य स्टाफ या डॉक्टर से भी हाथापाई मारपीट की और डॉक्टर पर बच्चे का गलत उपचार करने के आरोप लगाते हुए हंगामा दिखा।
पुलिस ने हंगामा शांत कराकर मृत बच्चों के परिजनों से तहरीर देकर पोस्टमार्टम के लिए बोला तो परिजनों ने थोड़ा सोचने के लिए समय मांगा कुछ समय परिजनों ने आपस में बातचीत कर पुलिस को कोई कार्यवाही की बात ना करने को कहकर और अस्पताल पर विरोध खत्म कर वहां से चले गए।
इस घटना के बारे में डॉक्टर युनुस ने बताया कि अस्पताल में बच्चे को दिखाने के लिए बच्चे के माता पिता आए और मैं इमर्जेंसी वार्ड में पहुंचा तो मैने चेक किया बच्चे की धड़कन नहीं चल रही थी जिसको देख मैने बच्चे को मृत बताया जिसके बाद बच्चे के माता पिता रोने लगे और हंगामा शुरू कर दिया। डॉक्टर युनुस ने बताया कि मुझे 1 मिनट भी नहीं लगा था बच्चे की हालत बताए हुए और ना ही मैने कोई इंजेक्शन, दवाई या उस दौरान कोई उपचार किया था मगर फिर भी अस्पताल पर उपचार के दौरान लापरवाही की वजह से बच्चे की जान जाना वजह बताई जा रही थी। डॉक्टर ने कहा अगर ऐसे ही आरोप डॉक्टरों पर लगते रहेंगे तो डॉक्टर मरीजों का इलाज कैसे कर पाएगा कैसे मरीजों को सुविधाएं दे पाएगा। एक मिनट से भी कम समय में बिना कोई उपचार बच्चे को दिए केवल बच्चे की हालत बताने पर ही इतना बड़ा आरोप अस्पताल और डॉक्टर पर लग रहा है अगर ऐसा ही होता रहा तो डॉक्टरों पर से मरीजों का विश्वास उठ जाएगा।
अस्पताल में कई दिनों से इलाज के लिए भर्ती मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि हमारा मरीज चार पांच दिनों से भर्ती है जिसका इलाज डॉक्टर युनुस बहुत अच्छे से कर रहे है जिसकी वजह से हमारे मरीज को फायदा भी लगा है और डॉक्टर युनुस का व्यवहार बहुत अच्छा है।