हापुड़ जिले में इस साल आलू भंडारण का शुल्क दस से 20 रुपये प्रति बैग बढ़ाने की तैयारी है। शीतगृहों में भंडारण शुल्क तीन साल से नहीं बढ़ा है। पिछले साल हापुड़ शीतगृह एसोसिएशन ने शुल्क बढ़ाया जरूर था, लेकिन प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी। भंडारण शुल्क को लेकर शीतगृह एसोसिएशन की बैठक इसी सप्ताह करने की तैयारी है। साथ ही भंडारण शुल्क 295 से 305 रुपये क्विंटल तक किए जाने की संभावना है।
पिछले साल आलू के दाम बंपर रहे थे, जिस कारण किसानों ने डेढ़ गुना अधिक आलू की बुवाई की है। मौसम अनुकूल रहने से इस बार बीमारी का असर अधिक नहीं है। ऐसे में बंपर उत्पादन के आसार हैं। लखनऊ शीतगृह एसोसिएशन ने बैठक कर, इस वर्ष आलू भंडारण शुल्क में बढ़ोत्तरी कर दी है।
स्थानीय पदाधिकारियों के अनुसार लखनऊ एसोसिएशन ने शुगर फ्री आलू का भंडारण शुल्क 320 से 340 रुपये प्रति क्विंटल और नॉन शुगर फ्री आलू भंडारण का शुल्क 300 रुपये प्रति क्विंटल तक घोषित किया है। जबकि हापुड़ में पिछले साल तक शुगर फ्री आलू का भंडारण शुल्क 285 और नॉन शुगर फ्री आलू भंडारण का शुल्क 260 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा।
पिछले तीन साल से हापुड़ में आलू भंडारण का शुल्क नहीं बढ़ा है। पिछले साल हापुड़ शीतगृह एसोसिएशन ने शुल्क में करीब 15 रुपये क्विंटल तक बढ़ोत्तरी कर दी थी। लेकिन जिला प्रशासन की बैठक में बढ़े दामों को मंजूरी नहीं मिल सकी।
इसी सप्ताह हापुड़ शीतगृह एसोसिएशन की बैठक प्रस्तावित है। जिसमें शुल्क को लेकर फैसला होगा। नाम न छापने की शर्त पर एक पदाधिकारी ने बताया कि इस बार शुल्क में दस से 20 रुपये प्रति बैग बढ़ोत्तरी की संभावना है। कोषाध्यक्ष संजीव पटवारी ने बताया कि भंडारण शुल्क को लेकर शीतगृह एसोसिएशन की बैठक इसी सप्ताह करने की तैयारी है।
हापुड़ शीतगृह एसोसिएशन अध्यक्ष संजय कृपाल- ने बताया की शीतगृहों में भंडारण शुल्क तीन साल से नहीं बढ़ा है, जबकि अन्य खर्च हर साल बढ़ रहे हैं। एसोसिएशन की बैठक में भंडारण शुल्क को लेकर निर्णय होगा। लखनऊ एसोसिएशन ने शुल्क बढ़ाया है। बढ़ते खर्चों को लेकर भंडारण शुल्क बढ़ाना जरूरी है।