हापुड़ /सिंभावली। चीन के मांझे की चपेट में आने से आठ दिन में बच्ची समेत दो लोगों के घायल होने के बाद बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आया है। मंगलवार को एसडीएम साक्षी शर्मा और सीओ स्तुति सिंह ने पतंग की दुकानों पर चेकिंग की। इस दौरान दुकानदारों को चीन का मांझा बेचने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी।
26 जनवरी को हापुड़ से लौट रहे बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव गंदू नंगला निवासी रिजवान बक्सर ओवरब्रिज पर चीन के मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद दो फरवरी को सिंभावली में रेलवे रोड के सामने मांझा गर्दन में फंसने पर कस्तला निवासी छह साल की बच्ची दिव्या भी घायल हो गई। रोक के बावजूद भी क्षेत्र में चीन का मांझा बिकने से स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त हो गया।
पतंगबाजी करते समय जागरूकता और समझदारी ही आपको पर्व मनाने के आनंद को बढ़ा सकती है। विशेषकर चीनी मांझे के प्रयोग से दूरी आपने के त्योहार को उत्साहित ओर आनंदित बना देगी। खासकर बच्चों को चीनी मांझे के प्रयोग से दूर रखें। चीनी मांझा ब्लेड की तरह धारदार होता है। इस मांझे से पतंग उड़ाने में खुद को और अन्य लोगों को भी जान का जोखिम होता है। पतंगबाजी में प्रयोग होने वाला कातिल मांझ यानी चाइनीज मांझा कई लोगों की जान ले लेता है। जबकि कई बुरी तरह घायल हो जाते हैं। अचानक से कातिल मांझा सड़क पर आता है और लोगों की गर्दन उड़ा देता है।
इसलिए मंगलवार को एसडीएम और सीओ ने पुलिसकर्मियों को साथ लेकर बक्सर और सिंभावली के मुख्य बाजार की दुकानों पर जांच की। एसडीएम ने दुकानदारों से कहा कि चीन के मांझे की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसलिए इसकी बिक्री बिल्कुल न करें। सीओ ने कहा कि यदि किसी भी दुकान पर चीन का मांझा बिकता हुआ मिला, तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्यवाही निश्चित है।