हापुड़ शहर के एक चौथाई हिस्से की लाखों की आबादी की सीवरेज से संबंधित समस्या का समाधान जल्द होगा। इससे पहले जल निगम नगरीय के अधिकारियों ने करीब 90 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की है, इसको अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस डीपीआर को शासन को भेजने से पहले अनुमति के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र भी भेजा गया है। अभी विभागीय अधिकारी महाकुंभ में व्यस्त हैं। उम्मीद है कि महाकुंभ के बाद डीपीआर पर चर्चा को लेकर अनुमति मिल सकती है। डीपीआर की स्वीकृति से लाखों शहरवासियों की एक बड़ी समस्या का समाधान होगा।
शहर की सीवरेज व्यवस्था में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। वर्तमान में नगर पालिका द्वारा करीब 46 हजार भवन स्वामियों से गृह, जल और सीवर कर वसूला जा रहा है, लेकिन सीवर कर वसूलने के बाद भी सड़कों और नालियों में सीवरेज बह रहा है। शहर में करीब 40 साल पहले सीवर पाइप लाइन डाली गई थी, जो अब चोक हो चुकी हैं। लाइन चोक होने के कारण सडकों पर सीवर का पानी बह रहा है। जो की शहरवासियों के लिए समस्या बानी हुई है।
हालांकि, मशीनों से सफाई के बावजूद समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है। इसी को देखते हुए यह डीपीआर बनाई गई है। पिछले दो माह से अधिकारी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। पेयजल और सीवरेज लाइन एक साथ बिछाई जाएंगी, जिससे बार-बार सड़क खोदने की समस्या से बचा जा सकेगा।
जल निगम नगरीय अधिशासी अभियंता अमीरुल हसन- ने बताया की सीवरेज की समस्या को लेकर एक डीपीआर बनाई गई है, जो अंतिम चरण में है। इससे पहले शासन को डीपीआर से संबंधित पत्र भेजा गया है। उम्मीद है कि महाकुंभ के बाद डीपीआर पर लखनऊ में चर्चा की जाएगी।