हापुड़। इन दिनों मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। दिन में तेज गर्मी तो शाम होते ही हल्की ठंड। ऐसे में जरा सी लापरवाही आपको वायरल फीवर का मरीज बना सकती है। मौसम में बदलाव के कारण पांच साल से कम उम्र के बच्चे वायरल की चपेट में आ रहे हैं। बच्चों का बुखार 104 डिग्री तक पहुंच रहा है। जिस कारण कई बच्चे बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंच रहे हैं। डायरिया और निमोनिया भी परेशान कर रहा है।
वैसे तो वायरल फीवर किसी को भी हो सकता है लेकिन छोटे बच्चों की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है लिहाजा उन्हें वायरल फीवर सबसे पहले अपनी चपेट में लेता है। शहर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में बच्चों का इलाज कराने पहुंच रहे है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इन दिनों दिन में तेज धूप के कारण मौसम गर्म है, लेकिन रात और तड़के सर्दी का असर अधिक है। इस मौसम में थोड़ी लापरवाही से ही बच्चे वायरल की चपेट में आ रहे हैं। यह एक से दूसरे बच्चे में फैलता है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को अनावश्यक तौर पर एंटी बॉयोटिक न दें। चिकित्सक से परामर्श अवश्य दिलाएं। खान पान का विशेष ध्यान रखें। ओपीडी में आने वाले अधिकांश बच्चे वायरल बुखार से ही पीड़ित मिल रहे हैं। इसके अलावा डायरिया भी बच्चों को परेशान कर रहा है, ऐसे बच्चों को समय-समय पर ओआरएस का घोल पिलाया जाना आवश्यक है।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि लोगों को पेट संक्रमण की समस्या सता रही है। ओपीडी में आने वाले व्यस्कों में अधिकांश पेट संबंधी रोग लेकर पहुंच रहे हैं। इसमें आंतों का संक्रमण मुख्य है, हालांकि दवाओं के सेवन और साथ में परहेज से मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। ईएनटी डॉ. मोहिनी सिंह ने बताया कि बदलते मौसम में कान का संक्रमण लेकर मरीज अस्पताल आ रहे हैं।