हापुड़ परिवहन निगम की बसों के चालक-परिचालक चंद रुपये का लालच में एक शहर से दूसरे शहर पार्सल पहुंचा रहे हैं। यह भी पता नहीं रहता कि पार्सल के अंदर क्या है। पार्सल के चक्कर में चालक और परिचालक बस रोककर सामान लेने वाले व्यक्ति का इंतजार भी करते हैं। ऐसे में बस में सवार यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचने में देरी का सामना भी करना पड़ता है। यात्रियों की शिकायत के बाद भी अधिकारी इस तरफ ध्यान देने को तैयार नहीं हैं।
मेरठ-बुलंदशहर मार्ग पर रोडवेज बसों में पार्सल, पैकेट व अन्य सामान भेजने का चलन अधिक है। जहां चालक और परिचालक सामान की जांच किए बिना 50 से 100 रुपये के लालच में एक शहर से दूसरे शहर तक पार्सल आसानी से पहुंचा रहे हैं। चालक और परिचालक को न तो सामान भेजने वाले की कोई जानकारी होती है और न ही सामान लेने वाले के बारे में जानकारी है।
मेरठ तिराठा, गुरुद्वारा, तहसील चौपला, दिल्ली रोड पर परिवहन निगम की बसों में लोग पार्सल देकर चले जाते हैं। दूसरे शहर से बसों में आने वाले पार्सल को देने के लिए कई बार चालक और परिचालक बस रोककर सामान लेने वाले व्यक्ति का इंतजार भी करते हैं। जिसके कारण बसों को रोककर यात्रियों को इंतजार कराते हैं। यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचने में देरी का सामना भी करना पड़ता है। लेकिन अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रणजीत सिंह का कहना है कि चालक और परिचालकों को बसों में पार्सल न ले जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी जांच के लिए टीम बनाई जाएगी और अगर कोई चालक व परिचालक पार्सल ले जाता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।