हापुड़ में सर्दी के मौसम में चर्म रोग से संबंधित मामले बढ़े हैं, हापुड़ सीएचसी की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या 150 के पार पहुंच गई है। इन मरीजों में सबसे अधिक मामले खुजली और रूसी के हैं। धूप में बैठने पर पूरे शरीर में झुंझलाहट की समस्या भी बढ़ी है।
सर्दियों की शुरूआत होते ही इस बदलते मौसम में त्वचा संबंधित तमाम समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ठंड में लोग नहाने या साफ-सफाई पर कम ध्यान देते हैं, जिससे त्वचा पर बैक्टीरिया और गंदगी जमा हो सकती है। ठंड में लोग कई बार एक ही कपड़े को बार-बार पहनते हैं, जिससे बैक्टीरिया और फंगस के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। ठंड में त्वचा सूखने लगती है, जिससे रूखापन और खुजली की समस्या हो सकती है, जो चर्म रोग को जन्म देती है।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. वरुण खुल्लर ने बताया कि साफ-सफाई में लापरवाही के कारण त्वचा पर चकते, खुजली, दाद आदि के मरीज बढ़ रहे हैं। ठंड के मौसम में त्वचा में रूखापन आ जाता है। इसके चलते शरीर पर पपड़ी जमा हो जाती है, जिससे चकते बनते हैं। जब इन चकतों में खुजली होती है तो उससे संक्रमण फैलता है। त्वचा को सूखने से बचाने के लिए उस पर तेल या क्रीम आदि लगानी चाहिए। हरी सब्ज़ियों, मौसमी फलों के साथ-साथ पौष्टिक भोजन का प्रयोग करना चाहिए।