जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में टीबी के मरीजों की तलाश के लिए घर-घर पहुंचकर जांच की जाएगी। इसके लिए निक्षय मित्रों के साथ ही एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उत्तर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के सीएम योगी आदित्यनाथ के संकल्प को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. आनंदमणि ने बताया कि क्षेत्र को टीबी मुक्त करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की जानकारी की जाएगी। इसके लिए सीएम कार्यालय से आदेश जारी किए गए हैं। अभियान के तहत क्षेत्र की एएनएम, सीएचओ, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हर घर से दो सैंपल लेने होंगे और इनकी जांच की जाएगी। वैसे भी टीबी रोग को वर्ष 2025 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। देश को टीबी मुक्त करने के लिए मरीजों को गोद लेने की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत रोगियों को लाभान्वित किया जा रहा है।
डॉ. आनंदमणि ने बताया कि मरीजों को तलाशने का अभियान चल रहा है। एएनएम, सीएचओ, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घरों से सैंपल लेकर संबंधित सीएचसी और पीएचसी पर जांच करवाएंगी। इसकी रिपोर्ट अगले ही दिन भेजनी होगी, ताकि रोगी की पहचान कर जल्द उपचार शुरू किया जा सके। संबंधित सीएचसी और पीएचसी के प्रभारियों को इसके लिए व्यवस्थाएं करने का आदेश दिया जा चुका है।
उन्होंने बताया की लगातार दो सप्ताह से अधिक दिन तक खांसी आना। शरीर में लगातार बुखार बने रहना। बलगम में खून आना। सांस लेने में तकलीफ होना। सीने में दर्द बने रहना। भूख न लगना। वजन कम होना। रात में पसीना आना। शरीर के किसी भी अंग में गांठ होना टीबी के लक्षण हैं। जिसका समुचित उपचार सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है।