हापुड़ में हमारी सोसायटी में औलाद का सुख सबसे ऊपर है। ऐसे में व्यस्त जीवनशैली और करियर बनाने की होड़ के बीच संतान का सुख भविष्य में सुरक्षित रखने के लिए हापुड़ की दंपती स्पर्म फ्रीज करा रहे हैं। पुरुष ही नहीं महिलाएं भी अपने ओवीए (अंडाणु) को सुरक्षित रखवा रही हैं। हर महीने ऐसे 15 से 20 दंपती चिकित्सकों से परामर्श के बाद एआरटी बैंक पहुंच रहे हैं।
स्पर्म फ्रीजिंग अधिकतर ऐसे दंपती करा रहे हैं जो काम के सिलसिले में एक साथ नहीं रह पाते। ऐसे भी हैं, जिन्हें कुछ साल बाद बच्चा पैदा करना है। वह भी स्पर्म फ्रीजिंग करा रहे हैं। स्पर्म फ्रीजिंग के लिए कुछ केस ऐसे भी आते हैं जो किसी बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें उपचार के दौरान प्रजनन क्षमता कम होने का डर है। स्पर्म फ्रीज होने पर महिला कभी भी गर्भधारण कर सकती हैं।
स्पर्म फ्रीजिंग की व्यवस्था एआरटी बैंक में होती है, जटिल गाइडलाइन और अन्य केई पेच होने के कारण इसकी व्यवस्था फिलहाल हापुड़ में नहीं है। लेकिन शुक्राणु के जरिये गर्भधारण की सुविधा देने वाले अस्पताल हापुड़ में उपलब्ध हैं। दंपती अपने चिकित्सकों से परामर्श लेते हैं, जिन्हें शुक्राणु या अंडाणु फ्रीजिंग के लिए दिल्ली एआरटी सेंटर भेजा जाता है। हापुड़ से हर महीने ऐसे 15 से 20 युगल इन सेंटरों पर पहुंच रहे हैं।
विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. विमलेश शर्मा ने बताया कि स्पर्म फ्रीजिंग प्रक्रिया बेहद आसान है। पुरुष को स्पर्म का सैंपल देना होता है। सैंपल की लैब में जांच होती है, जिसमें स्पर्म की क्वालिटी, शुक्राणु की संख्या, सक्रियता आदि जांचा जाता है। अगर जांच में स्पर्म ठीक मिलता है तो क्रायोप्रिजर्वेशन के लिए तैयार किया जाता है। इसके बाद फ्रीज कर दिया जाता है, जिसका जीवन में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हर दूसरे दिन ऐसे दंपती परामर्श के लिए आते हैं और एआरटी बैंक में स्पर्म फ्रीज कराते हैं।