हापुड़ के तीनों डिवीजन में 5600 उपभोक्ताओं ने कनेक्शन होने के बाद से कभी बिल जमा नहीं कराया है। इन पर नगर निगम का 19 करोड़ रुपये बकाया है। ओटीएस भी इन उपभोक्ताओं को नहीं साध सकी। अधिकारी सिर्फ 253 उपभोक्ताओं से ही करीब 38 लाख बिल जमा करा सके हैं। समीक्षा बैठक में अधिकारियों को फटकार पड़ रही है। ऐसे उपभोक्ताओं को ओटीएस से जोड़ा जा रहा है। उपभोक्ता समय से अपना बिल जमा कराएं, ताकि उन्हें सरचार्ज में छूट मिल सके।
करीब पांच साल पहले सौभाग्य योजना में उपभोक्ताओं को बिना जांच, सत्यापन के कनेक्शन बांट दिए गए थे। बहुत से उपभोक्ताओं के परिसर पर दो-दो कनेक्शन हो गए। निजी ठेकेदारों ने लक्ष्य बढ़ाने के लिए गलत तरीके से कनेक्शन दिए। अब ऐसे उपभोक्ताओं से बिल वसूली अफसरों की गले की फांस बन गया है।
आलम यह है कि ओटीएस से पहले जिले के तीनों डिवीजन में 5835 उपभोक्ता नेवर पेड की श्रेणी में थे। इन उपभोक्ताओं से कनेक्शन होने के बाद से कोई शुल्क ही नहीं मिला, जबकि इन पर देनदारी 19 करोड़ रुपये की हो गई है। ओटीएस के पहले चरण में भी इन उपभोक्ताओं तक अधिकारी नहीं पहुंचे। यही कारण है कि 253 ने ही पंजीकरण योजना में कराया है। गढ़ डिवीजन में 116, हापुड़ में 50 और पिलखुवा में 87 उपभोक्ता योजना से जुड़े हैं।
जिले के तीनों डिवीजन में नेवर पेड वाले उपभोक्ताओं की स्थिति :
डिवीजन उपभोक्ता बकाया वसूली
गढ़मुक्तेश्वर 2843 8 करोड़ 13 लाख
हापुड़ 741 2 करोड़ 04 लाख
पिलखुवा 2251 9 करोड़ 21 लाख
अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल- ने बताया की कनेक्शन होने के बाद से एक भी बार बिल जमा न करने वाले उपभोक्ताओं को ओटीएस से जोड़ा जा रहा है। तीनों डिवीजन को लक्ष्य दिया गया है, उपभोक्ता समय से अपना बिल जमा कराएं, ताकि उन्हें सरचार्ज में छूट मिल सके।