हापुड़ में पिछले कई दिनों से पड़ रही कड़ाके की सर्दी और शीत लहर के चलते लोगों को हाथ और पैरों की उंगुलियों में सूजन की समस्या बढ़ गई है। साथ ही बुजुगों को हड्डियों का दर्द सता रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है। चिकित्सक रोगियों को ठंड से बचाव के तरीके अपनाने के साथ पौष्टिक भोजन लेने की सलाह दे रहे हैं।
सर्दियों का मौसम आते ही कई सारी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना लोगों को करना पड़ता है। सर्दियों में जैसे-जैसे तापमान घटने लगता है वैसे-वैसे लोगों की परेशानियां बढ़ने लगती हैं। इन्हीं में से एक है हाथ और पैरों में सूजन की समस्या। कई लोगों में यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि उंगलियों में तेज खुजली होती रहती है।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से लगातार पड़ रही सर्दी से लोगों का सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है, जिसके चलते क्षेत्र में शीतलहर ने और अधिक जोर पकड़ लिया है। कंपकंपी वाली सर्दी में हाथों, पैरों में सूजन और बुजुर्गों में हड्डियों, जोड़ों के दर्द की समस्या हो जाती है। जिला अस्पताल की ओपीडी में दस फीसदी मरीज सर्दी से सूजन के हैं।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि जिला अस्पताल में रोजाना 20 मरीज इस बीमारी के पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि सर्दियों में हाथ-पैरों की उंगलियों में ठंड लगने से खून की नलियां सिकुड़ने लगती हैं। इससे रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और सूजन आ जाती है।
तापमान में कमी आने पर मौसम ठंडा होने से मांस पेशियां और नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिससे हड्डियों और जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है। विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों में लचीलापन कम हो जाता है, जिससे जोड़ों में अकड़न होती है और दर्द होने लगता है। फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि सर्दी लगने से बुखार, डायरिया के मरीज भी बड़े हैं। बुजुर्ग और बच्चों में इस तरह की समस्याएं अधिक आ रही हैं।