हापुड़ में शहर में करीब 40 साल पहले डाली गई सीवर लाइन जगह-जगह से चोक हो गई है। जिसके कारण सड़कों पर गंदगी फैली रहती है। जल निगम अब सीवर लाइन को बदलने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए जल निगम नगरीय के अधिकारियों ने शासन से पत्राचार किया है। करीब चार चरणों में यह काम होगा। जिस पर 150 करोड़ से अधिक खर्च किए जाएंगे।
नगर पालिका द्वारा भवन स्वामियों से गृह, जल और सीवर कर वसूला जा रहा है, लेकिन सीवर लाइन चौक पड़ी हुई है। ऐसे में लोग रोजाना शिकायत लेकर नगर पालिका पहुंच रहे हैं। नगरवासियों को लंबे समय से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क पर गंदगी और पानी बहने से स्वास्थ्य संबंधी खतरे और पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। नगर पालिका के अधिकारी भी सीवर टैंकों की सफाई करा देते हैं। लेकिन वर्तमान में पूरे शहर की सीवर लाइन चौक हो गई है। जिसके कारण सड़कों पर गंदा पानी बहता रहता है।
बता दें कि शहर के 10 फीसदी हिस्से को छोड़ दिया जाए तो बाकी में सीवरेज निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है। नालों में ही सीवरेज बहता है, वह पेयजल लाइन तक में चला जाता है। जिस कारण घरों तक में गंदे पानी की आपूर्ति हो जाती है।
अमृत योजना 2.0 के जरिए जल निगम द्वारा तीन चरणों में शहर में पेयजल पाइप लाइन, ओवरहेड टैंक आदि बनाए जा रहे हैं। इस पूरे कार्य पर करीब 152 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। एक चरण के 35 करोड़ की डीपीआर को शासन ने हरी झंडी दे दी है। इसका टेंडर इसी माह निकाला जाएगा।
निगम के अधिकारियों का प्रयास है कि पेयजल के साथ सीवर लाइन भी बिछ जाए तो दोनों काम एक ही समय में हो जाएंगे। इससे बार-बार सड़कों को खोदना नहीं पड़ेगा। इसलिए अधिकारी पेयजल के साथ सीवर लाइन डालने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं। सीवर लाइन बदलने से न केवल सड़कों पर बहने वाली गंदगी खत्म होगी, बल्कि पेयजल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। जिससे नगरवासियों को राहत मिलेगी।
जल निगम नगरीय अधिशासी अभियंता अमीरुल हसन- ने बताया की आने वाले दिनों में पेयजल पाइप लाइन डालने का काम होगा। इसके साथ ही सीवर लाइन भी डालने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए शासन से पत्राचार शुरू कर दिया है। वहां से हरी झंडी मिलते ही डीपीआर भेज देंगे। जिससे कि एक साथ दोनों काम हो सकें।