हापुड़ जिले की गोशालाएं बदहाल हैं। गोशालाओं में टिनशेड न होने से गोवंश ठंड से ठिठुर रहे हैं। सर्दी से बचने के लिए गोशालाओं में इंतजाम नाकाफी हैं। टूटे हुए टिनशेड के कारण ठंडी हवा गोवंशों की जान पर भारी पड़ रही है। वहीं, फर्श पर कोई बिछाई न होने से पशु ठिठुर रहे हैं। ऐसे में रोजाना पशुओं के ठंड से बीमार पड़ने के मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जिले में गोशालाओं की हालत काफी खराब है। विकास भवन के सामने नगर पालिका की गोशाला की यही हालत है। टिनशेड टूटा हुआ था, पशु भी गीली जमीन पर बैठे थे, उनके लिए पराली नहीं डाली गई थी। इसके कारण ही पशु ठंड से बीमार हो रहे हैं। अन्य गोशालाओं का हाल जानने का प्रयास किया गया तो कई जगहों पर सुविधाएं ठीक नहीं मिलीं। कई गोशालाओं में तिरपाल तक नहीं मिले। हालांकि, धूप खिलने के बाद पशुओं ने जरूर खुले आसमान में आराम किया। वर्तमान में जिले की 36 गोशाला में करीब 20 हजार पशु हैं, लेकिन पशुओं के लिए व्यवस्थाएं कम हैं।
डिप्टी सीवीओ डॉ. ओमवीर सिंह ने बताया कि ठंड लगने से पशुओं के बीमार होने के कुछ मामले अभी सामने आए हैं, लेकिन दवा देकर उन्हें ठीक किया गया है। वहीं, पशुपालक भी तिरपाल और छप्पर में ही पशुओं को रखें। पेशाब और गोबर में पशु न रहें। कम से कम दो से तीन बार सफाई जरूर करें। इसके अलावा बिछाई करके पशुओं के बैठने और सोने की व्यवस्था की जाए। जिससे कि जमीन से पशुओं को ठंड न लगे। इसके अलावा चारा अच्छे से दें।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. ओमप्रकाश- ने बताया की सभी गोशालाओं में टिनशेड के अलावा तिरपाल की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पराली आदि से बिछाई कराई गई है। एक बार फिर से मौके पर जांच करके व्यवस्थाओं को देखा जाएगा। कहीं कोई कमी मिलेगी तो इसे ठीक कराएंगे।