हापुड़। हीमोग्लोबिन की कमी से खून की कमी होती है, लेकिन हीमोग्लोबिन बढ़ने से भी शरीर को कई गंभीर नुकसान हो सकते हैं। सर्दी बढ़ने के साथ ही लोगों की नसें सिकुड़ने लगी हैं। सिर और शरीर के कई अंगों में नसों में ब्लॉकेज भी दिख रहा है। मरीजों को सिरदर्द, बेहोशी, चक्कर आने की समस्या बन रही है। अस्पतालों में हर रोज ऐसे 15 से 20 मरीज पहुंच रहे हैं।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल का कहना है कि सर्दी में नाक की नसों पर दबाव पड़ने से रक्तस्त्राव का खतरा रहता है। सर्दी शुरू होने से लोगों की दिनचर्या और स्वास्थ्य पर असर पड़ना शुरू हो गया है। इस मौसम में नकसीर (इपिस्टैक्सिक्स) से पीड़ित भी मिलने लगे हैं। ब्लड प्रेशर के मरीजों में इस तरह की समस्या अधिक आती है। क्योंकि नाक की नसें पतली होती हैं और दबाव पड़ने पर फट जाती हैं। इसके साथ ही खून गाढ़ा होने से मरीजों की नसों में ब्लॉकज आ रहे हैं। एमआरआई और सीटी स्कैन की जांच में यह खुलासा हुआ है।
हाथ पैर का न उठना, सिर में दर्द रहना, चक्कर आना, शरीर के अंगों का काम करना बंद करने देना इसी बीमारी के लक्षण है। चिकित्सक मरीजों को हीमोग्लोबिन की जांच कराने और जरूरत पड़ने पर चिकित्सक के परामर्श आवश्यक दवाएं नियमित लेने की सलाह दे रहे हैं।
उधर, हृदय रोगियों की संख्या में भी सर्दी बढ़ने के साथ इजाफा हो रहा है। फिजिशियन डॉ. गौरव मित्तल ने बताया कि रक्तचाप के उतार चढ़ाव से इन दिनों हृदय रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। सांस लेने में परेशानी होना, हाथ में दर्द होना, छाती में दर्द होने के लक्षण आने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।