जनपद हापुड़ में तापमान के लगातार गिरने से जिले में कोल्ड डायरिया से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है। अस्पताल की ओपीडी में हर रोज 40 से अधिक बच्चे इस बीमारी से पीड़ित पहुंच रहे हैं। साथ ही त्वचा, ईएनटी से जुड़े रोग भी बढ़े हैं। ऐसे में नन्हे बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए चिकित्सक की सलाह लेकर सर्दी से बचाव करना आवश्यक है।
ठंड के बढ़ने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ठंड का असर तेज होने के कारण बच्चे कोल्ड डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि बच्चे कोल्ड डायरिया के शिकार हो रहे हैं। डायरिया में शरीर में पानी की अत्यधिक कमी हो जाती है। समय पर बच्चों का इलाज नहीं होने से कोल्ड डायरिया से पीड़ित बच्चों की मौत भी हो सकती है। इसलिए बच्चों में इस प्रकार का लक्षण आने पर अविलंब निकट के चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
वर्तमान में रोजाना 40 से 50 बच्चे कोल्ड डायरिया से पीड़ित चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। निजी अस्पतालों में आंकड़ा इससे कहीं अधिक है। कोल्ड डायरिया के साथ ठंड से बचाव को लेकर शासन की तरफ से स्वास्थ्य विभाग को सभी सरकारी अस्पतालों में ऐसे बच्चों के उपचार के साथ भर्ती के दौरान विशेष सावधानी बरतकर उपचार करने का निर्देश दिया गया है।
ईएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहिनी सिंह ने बताया कि तापमान गिरने के साथ ही ईएनटी संबंधी रोग बढ़ रहे हैं। गले में खराश, कान में दर्द, साइनस और श्वास तंत्र की एलर्जी मरीजों को परेशान कर रही है। फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि सर्दी के कारण मरीजों में वायरल बुखार का असर है। टीबी के मरीजों को सर्दी में अधिक परेशानी हो रही है।